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________________ कोयल के मीठे बोल : ७६ मधुर भाषण : 1 उपर्युक्त कोयल और कौवे के उदाहरण से यह सिद्ध हुआ, कि तुम भारत माता को सन्तान हा देश की सुपुत्रियों में सुम्हारी गणना है | अतः तुम्हारे लिए मधुर भाषण को बड़ी आवश्यकता है । मनुष्य के हृदय की अनमोल वस्तु प्रेम है और इस प्रेम को दूसरे पर प्रकट करने का साधन है - मधुर भाषण ! शिष्ट भाषा मनुष्य, जो कार्य बातों से निकाल लेते हैं, वह दूसरे पैसा खर्च करके भी नहीं निकाल सकते । इसकी तुलना में संसार को कोई भी कला नहीं ठहर सकती । प्रेम का विस्तृत क्षेत्र : मधुर भाषण करने वाली लड़की से, उसके सब सम्बन्धों, तथा मिलने वाले पड़ौसी आदि सभी प्रसन्न रहते हैं । बास-पास के घरों की बालिकाएँ बार-बार उसके पास आती हैं ओर उसके सुख-दुख में सहानुभूति दिखलाता है। एक बार जो व्यक्ति उससे मिल लेता है, फिर जीवन भर उसे नहीं भूलता। ऐसी लड़की जहाँ जाती है, सम्मान पाती है। क्या स्त्री और क्या पुरुष, सबके सब उससे प्यार करते हैं, उसकी प्रशंसा करते हैं और उन्नति की कामना करते हैं । वह बराबर अपने प्रेम और स्नेह क्षेत्र को 'विस्तृत करती चली जाती है । मधुर वाणी की वीणा : जिस नारी के कण्ठ में माधुर्य होता है, उसके घर में सदा शान्ति का राज्य रहता है । और यदि कभी किसी कारण अशान्ति होती भी है, तो ज्योंही नारी की मधुर वाणी की वीणा बजनी प्रारम्भ होती है, त्यों ही वह अशान्ति लुप्त हो जाती है, और उसके स्थान में सुख शान्ति का समुद्र हिलोरें मारने लगता है । भगवान् Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003413
Book TitleAdarsh Kanya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1994
Total Pages120
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Sermon, & Conduct
File Size4 MB
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