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________________ ६ : आदश कन्या सती का जीवन चरित्र, महापुरुषों का जीवन चरित्र, या संतों का धर्मोपदेश वाली पुस्तकें लेकर बैठ जाओ, तुम्हें अवश्य ही शुभ विचारों का प्रकाश मिलेगा। अच्छी-अच्छो पुस्तकों से अच्छोअच्छी बातें नोट करो, और उनको आचरण में लाने का अभ्यास करो। आपका जीवन अवश्य ही उन्नत, पवित्र और मंगलमय हो जाएगा। उपसंहार : कौन मनुष्य कैसा है ? यह उसके बाह्य रंग रूप और जाति आदि से नहीं आंका जा सकता । प्रत्युत उसके विचारों से ही पता लगाया जा सकता है, कि कौन कितना सच्चा तथा चरित्रवान है । अत: मनुष्य को परखने की यह कसौटी है कि जैसे उनके विचार होंगे, वैसा ही उनका आचरण भी होगा। __ अच्छी पुस्तकों से संग्रह किये गए विचार, विचारों का वेभव है ! यह विचार-सम्पत्ति आपके जीवन के अंधेरे, उजाले में हर समय काम आने वाली है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003413
Book TitleAdarsh Kanya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1994
Total Pages120
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Sermon, & Conduct
File Size4 MB
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