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तीन आँसू पवित्र हैं : १. प्रेम के । २. करुणा के ।
तीन से सदा बचो :
मानवता के ये अमृत कण : १०१
३. सहानुभूति के ।
१. अपनी प्रशंसा से ।
२. दूसरों की निन्दा से ।
३. दूसरों के दोष देखने से ।
तीन आँसू अपवित्र हैं : १. शोक के । २. क्रोध के ।
तीन प्रकार के वचन वोलो !
३. दम्भ के ।
१. सत्य वचन ।
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२. हित वचन । ३. मधुर वचन |
चार प्रकृतियाँ सत्यवादी की हैं : १. अधिक बातें न करना ।
२. सोच-विचार कर बोलना ।
३. अपना बचन पूरा करना । ४. अपना देना - लेना साफ रखना ।
चार प्रकृतियाँ मिथ्यावादी हैं : १. झूठी गवाही देना ।
२. झूठी सौगन्ध खाना ।
३. भरोसा देकर काम न करना । ४. आप्त-पुरुषों पर श्रद्धा न रखना ।
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