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________________ राजस्थान पुरातन ग्रन्थमाला राजस्थान राज्यद्वारा प्रकाशित सामान्यतः अखिलभारतीय तथा विशेषतः राजस्थानदेशीय पुरातन कालीन संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश, राजस्थानी, हिन्दी आदि भाषानिबद्ध विविधवाङ्मयप्रकाशिनी विशिष्ट ग्रन्थावलि प्रधान संपादक पुरातत्त्वाचार्य, जिनविजय मुनि [ ऑनरर मेंबर ऑफ जर्मन ओरिएन्टल सोसाइटी, जर्मनी ] सम्मान्य सदस्य भाण्डारकर प्राच्यविद्या संशोधन मन्दिर, पूना; गुजरात साहित्य सभा, अहमदाबाद विश्वेश्वरानन्द वैदिक शोधप्रतिष्ठान होसियारपुर; निवृत्त सम्मान्य नियामक (ऑनररि डॉयरेक्टर)- भारतीय विद्याभवन, बंबई. 3222 ग्रन्थाङ्क २१ ६६EEEE साधुसुन्दर गणी विरचित उक्ति रत्नाकर प्रकाशक राजस्थान राज्याशानुसार संचालक, राजस्थान पुरातत्त्वान्वेषण मन्दिर जयपुर (राजस्थान) माघ । विक्रमाब्द २०१३ । । राज्यनियमानुसार - सर्वाधिकार सुरक्षित फरवरी खिस्ताब्द १९५७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003411
Book TitleUktiratnakara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1957
Total Pages136
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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