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वह शिक्षा, कैसी शिक्षा, जो-- मानव को तम में भटकाए। शिक्षा वह है, जो मानव को, नित नव प्रकाश में ले जाए। जब तक मानवता ना जागे, तब तक शिक्षा अर्थ-हीन है। मानवता के बिना, स्पष्ट ही, मनुज चतुष्पद-तुल्य दोन है।
--उपाध्याय अमरमुनि
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पन्ना समिक्खए धम्म
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