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यह कैसी बकवास, दुख में,
यह दोषी है, वह दोषी है। देख स्वयं में, निज दुखों में,
एक मात्र तू ही दोषी है।
पतन और उत्थान उभय का,
उत्तरवायी खुद मानव है। खुद ही बनता श्रेष्ठ देवता,
खुद ही बन जाता दानव है।
--उपाध्याय
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पन्ना समिक्खए धम्म
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