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बुद्धि-विलास कह रतन-जड़ित' जड़िया२ सुनार, मुलमची वेगड़ी सिकलगार । वस्मागर वुनगर वरक साज, कहुं वेचत गुड़ी पतंगवाज ॥१२२॥ काछी कलार लोहे लुहार, मोची कहुं जीन रचे संवार । वढई पिरजापति२** आदि और, व्यौपारी फुन कसवी करोर ॥१२३॥ छत्री ब्राह्मण अर वैस्य सूद्र, च्यारि हू' वरण के गुरण-समुद्र । सव सुखी सूर सायर प्रवीन, वहु चतुर वसैं तिनमैं न दीन ॥१२४॥ वहु-मोल सु कोमल वस्त्र अंग, भूषन मरिण-जटित सुवर्ण संग। जरवाफ* आदि पहरै वनाय, नर लसत मनौं सुर' वसे प्राय ॥१२॥ नारी सुंदर अति चतुर चार, झीने पट भूषणजुत सिंगार।
२ जडिया। २ परिजापति।
१२२ : १ जडत। १२३ : १ रचें। १२४ : १ हौं। १२५ : १ स्वर।
An artisan expert in silver or zinc plating. *Sk वैकटिक Adiamond-cutter. *An artisan who sharpens the blades. ttel, Bihari Satsal. "उडी गुडी लखि ललन की, अंगना अंगन माह।
बौरी लों दौरी फिरत, छुवति छबीली छाँह ॥३५॥" An undated Maithili song refers to kite (गुड्डी) thus :
"गुडी उडै आकाश में, नागा हमरा पास में ।" #Wine-seller. ** A potter. +-Embroidery. ++Clad In fine clothes.
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