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छंद पदरी :
११२ : १ तिन्हकौं । ११३ : १ भांतिनु । ११४ : १ रुपैया । ११५ : १ पान । ११६ :
१ कहुं ।
बुद्धि-विलास
वहु विधि के कारीगर अनूप,
परिवार सहित बुलवाय भूप । तिनकौं पुर मैं दीन्हे" वसाय, हासिल सवकौं माफी यह सुजस वढ्यौ चहुधां प्राऐ वहु जन तिनकौ न व्यौपार करन लागे श्रनेक,
वहु भातिन' के करि करि विवेक ॥ ११३ ॥ कहुं महुर + रुपैया' लेत देत, जौंहार विकत सुवरन कहुं वत्र पाटके वहुरि महमूदी
समेत ।
स्वेत,
२ षासा अ
नसुषेत* ॥११४॥
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कहु समींना फुनि विकत पान',
वहुरि धांन ।
धात
पात्र ४,
कहु विकत किरांने कहुं लिऐं कसेरा वेचत तिन मैं नहि कहुं गंधी प्रत्तर
झूठ
वेलि तेल,
वेचत मिस्सी"
२ दीन्हें।
कराय ॥११२॥
२ महमूंदी।
३ पासे ।
२ कहूं । ३ किरानें । ४ मंत्र |
२ रूप ।
+Taxes in general.
Gold coin bearing the seal of the Maharaja.
अनंत,
अंत ।
फुलवा फुलेल |
कहु हलवाईगर वणिक रूप २, वेचत जु मिठाई करि
मात्र ॥११५॥
अनूप ॥ ११६ ॥
*All the three varieties find a mention in Ain-i- Akbari' of Abul Fazl. (Ain 32 ) — Blochmann & Jarrett.
[ १७
††A powder made of vitroil with which women blacken the space between their teeth. High class ladies, used antimony for darkening their eye lashes. See Jayasi's description : "छोरहु जटा, फुलायत लेहू, भारहु केस, मकुट सिर देह ।
काहु कंथा चिरकुट-लावा, पहिरहु राता दगल सोहावा ॥"
(Ratansen-Padmavati khand)
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