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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org सातामा यानीदगे दियाला पवासायमा Roamnstal पण आकानया जिन वरविमकनमा वादमायानायया यज्ञ म लगाता वाला कश्रियः। रायग कादशी परिवीत्या करमा शबनम‍ विद्यमा यानिदमाता रामकलाका मणि नावतः पज्ञादिमामी किसवि दिपदा मा प्रहला विनाशादा दिवारा जामवा गायनमा दिदी सावकारान दलित क्रमतनिमित साहसायदः यासराव मंगला मदाना जगवय कमलायाल सदया मालिश सवार पुनःपवाहण्या न करात्मावाचा यादव निवा दहावाधा पायाचा का घनशाम याद्यानामाधानकारक स्थानिक काहानीया लिपिका मकव विज्ञा मत्सुनामदनचाविनी विकस 300 कृष्णा विनामाथि राज मदनगडामणि। शिखारत्यक्षाना शिशयकलाकीत नाचत नावा वाघमा आदिगापासष्ट कासा वाद पलका माणणत्या लावली नावन पा का नितनवर पानी नचाि नादनजनाबा उसवगामाद्वार वृठाउमाता चनशदाय नाकाबन विशालत्रयवासिनः विशिक्षा भग्नरतिपा आनन प्रतिसादाद्वारा दावा निकालक जेसलमेर में प्राप्त प्राचीन ताडपत्रीय ग्रन्थोंके कुछ सचित्र पत्र - ( ४ ) देखो चित्र परिचय
SR No.003403
Book TitleBhartiya Vidya Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherBharatiya Vidya Bhavan
Publication Year
Total Pages408
LanguageHindi, Sanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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