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द्रव्यपरीक्षा कणय मय सीयरामं दुविहं संजोय तह विओयं च । दह वन्नी दस मासा अभन्नणीया सपूयवरा ॥ ५६ ॥ चउकडिय तह सिरोहिय अट्ठी वन्नी सवा चउ म्मासा । तुल्ले कुमरु पुणेवं अट्ठी वन्नी धुवं जाण ॥ ५७ ॥ पउमाभिहाण मुद्दा बारह वन्नी. य तस्स कणओ य । तुल्लेण टंकु इक्को सत्त जवा सोल विसुवंसा ॥ ५८ ॥ देवगिरी हेमच्छू सवादसी सिंघणी महादेवी । ठाणकर लोहकुंडी अट्ठी वाणकर पउण दसी ॥ ५९ ॥ खग्गधर चुक्खरामा सड्डनवी केसरी य छह सड्डा। सत्त जव दसी वन्नी कउलादेवी वियाणाहि ॥ ६ ॥ जे अनि अच्छु बहुविह थरेहि तह मुल्ल तुल्लु नजेइ । चउमासा दीनारो जहिच्छ वन्नी णुसारि फलो ॥६१ ॥
॥इति वर्णमुद्रा ॥
वा. १० सीताराम मासा १० . १ संयोगी १ वियोगी वानी ८ चउकडीया ४॥ वा. ८ सिरोहिया । वा. ८ कुमरु तिहुणगिरि मासा ४॥ वा. १२ पदमा टं १ जव ७७००
आछू देवगिरी मुद्रा स्वर्णमय
वानी विउराप्रमाणे १०। सिंघण १०। महादेवी ८ ठाणाकर ८ लोहकुण्डी ९॥ रामवाण ९॥ खड्गधर. चोषीराम ६॥ केसरी . १० ज ७ कौलदेवी . दीनारु मा.४
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