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१८६ षडावश्यकबालावबोधवृत्ति
[$524-25 ). ७६९-७७० तणउ कालु जघन्याह मुहूर्तात्मकु छइ उत्कर्षि समाधानु सीमु छइ । तेह तणउं अपूरणु अथवा अनादर करणु पूर्व अवस्थानु अनवस्थानु ४, सामायिकु जेतीवार गृहव्यापार चिंता न हुयई तेतीवार करिव ।
तथा चाह चूर्णिकारः
'जाहे खणिओ ताहे करेइ सामाइयं इयसो त भजेड' त्ति।
तथा स्मृतिविहीनं निद्रादि प्रमादवशइतउ शून्याकारता करी कीधउं सामायिकु स्मृतिविहीनता पांचमउ अतीचारु ५।
ए पांच अतीचार आश्रयी करी कीधुं सामायिकि पहिलइ शिक्षाबत्ति। अवितथिकृति- अविधि पूर्व विरचिति सम्यग् अकीधइ जु अतिचरिउं सु निंदउं॥ 10 5 24) अत्र शिष्य भणइ-' दुविहं तिविहेणं' इसइ प्रत्याख्यानि भणिइ हूंतइ मनोदुःप्रणिधान
वर्जन रहई अशक्य करणता करी प्रतिषेधु संभवइ नही। तउ पाछइ सामाइक व्रत तणउं भंगु हुयइ। किसी परि सामायिक संभवइ? तिणि कारणि सामायिक प्रतिपत्ति कन्हा अप्रतिपत्ति भली। इसउँ न कहि। मनि करी न करूं १. वचनि करी न करूं२. कायि करी न करूं ३. मनि करीन करावू. ४. वचनि करी न करावू ५. कायि करी न करावू ६.
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11 इति छ पञ्चक्रवाण तीहं माह मनोदुःप्रणिधानि करी भनि करी न करूं एह णइभंगिाहं हूंतइ बीजा पांचहं तणा संभवइतउ प्रतिपत्ति इ जि भली। तथा मनोदुःप्रणिधानतउ जु अतिचरित्रं तेह रहई मिथ्यादुःकृत मात्र भणनि करी शुद्धि तणा भणनइतउ सामायिक तणी अप्रतिपत्ति न भलियइ किंतु प्रतिपत्तिह जि भली । तथा अविधिकृत कन्हा अकृतु भलउं। एहू वचनु युक्तउं नहीं। यदुक्तं
अविहिकया वरमकयं असूयवयणं भणति समयन्नू ।
पायच्छित्तं जम्हा अकए गुरूयं कए लहुयं ॥ . [७६९] 8525) सामायिकव्रत विषद केसरी नाम श्रावकपुत्रकथा लिखियइ ।
क्रूराचारोपि संसारकारया मुत्यतेद्भूतम् । केसरीव त्रुटत्कर्मदामा सामायिकवतात् ॥
[७७०] तथाहि
कामपुरु नामि पुरु तिहां विजउ नामि राजा । सिंहदत्तु नामि श्रेष्ठि । अनेरइ दिवसि सिंहदत्तु श्रेष्टि "राजेंद्र रहइं प्रणमी करी वीनवइ, “ महाराज! केसरी नामि माहरउ पुत्रु चोरु छइ पाछइ मू रहइं दूषणु म देजिउ । हउं तुम्ह आगइ वीनवी करी निरुत्तर इयउ।" राजा केसरी रहई देसवटउ दियइ। सु पुष
राजेंद्र तणा भय लगी नगर हूतउनीसरिउ, देसांतरि गयउ। श्रांतु हूतउ किणिहिं वनगहनि स्वच्छ शीतल स्वादु जल सरोवर तीरि बइठउ चीतवइ । 'मई जन्मलगी चेतना संभवि हूयइ हूंतइ अचोरित पाणीऊ पधिउं नहीं अहो अकार्य ! धिधिग् मू रहई ! आजु मई सु' अचोरिउं पीवर्ड । इस मन मावि
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8523). 2 Bh. सामायिकु। 3 Bh. इउसो। 4 Bh. omits. $524) 1. Bh मनोदुःप्रणिधानइतउ । 8525) 1 Bh दुतं । Bh. 2 P. हुअउ । 3 P. omits+ऊ। 4. P. सु मई।
P. पीध। 6 Bh. omitsi
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