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परिशिष्ट २ (ख)
[ २२७ पृष्ठाङ्क पद्याङ्क
पृ० प० १२८ कूकड कुंकू कहु कीया ११६-२५२ १५४ चाकर पंचसय चेरीयां १३५-३२३ १२६ कूड कपटनी कोथली १३४-३१४ १५५ चातुरळू चातुर मिले (प.) १३० कूडौ बोल छ सूवटौ १८-१५३
१९७-११ १३१ केड कटारा वंकडा (प.) १६६-२६
१५६ चाल्यौ प्रांबां पागले (अ.) १३२ के तू देवल पूतली (प.) १६६-२५
५६.११ १३३ के मूमो के मारीयो (प.) २०५-६६
१५७ चालता ठीक छटकीया ८६-६६ १३४ केसर कहै कस्तुरीयां (प.) २११-३
१५८ चालो पीलीय सेणसूं ११६-२३४ १३५ केहनी अस्त्री न जाणज्यों
१५६ चाषडीयां चटका घणा (प.) १०४-१७१
२१३-४४ १३६ के मुपा के मारीमा बे ११४.३६
१६० चोपड़ ले चतुर नर (टि.) १३७ कोई न लेबैमा लषै १२०-२५७
६२-३२ १३८ कोड छडाया कागला १२२-२६६
१६१ चोर इहां कुण प्रावीयो ६७-१४६ १३६ कोरण उतराधिकरण ११६-२३०
१६२ चंदन कटाउ.. ११३०२१६ १४० कंचू कस्यो दिल हय कोयौ
१६३ चंदण-काटे चह रचुं (प.) ११६-२४७
२१३-३५
१६४ छाजे बेठी मावडी (प.) १९७-४ १६५ छीपायौ तबेला ठाणमै ८९-१०७ १६६ छोटीने मोटी करी १४४-३४५ १६७ छोड्यो सगलो गामडो (प.) ।
१९८-१६ १६८ छोरू पास करै घणी १४०-३३८
१४१ गढ गांगलरा राजीया (प.)
२०२-५० १४२ गणपतदव मनाय की ५१-१ १४३ गाव(वे) मंगल नारीयां ६१-२८ १४४ गुणवंती नारि तणा १४४-३४२ १४५ गुनेहगार हुं रावलो १३६-३३७ १४६ गोरषनाथजी नै ध्याईयो ८१ ७६ १४७ गोरषनाथजीरी सेवा करी ६९-५८ १४८ गोरषनाथजी सेवा करी (टि.)
७०-११ १४६ गोरषनाथजीरी सेवा कीधी (टि.)
७१-६ १५० गोरषनाथजीरी सेवा कीधी (टि.)
७१-७
१६६ ज्यांह नवलषा बाग है (टि.)
१४३-७५ १७० ज्यूं पितुं जपे तुं षरो १३१-३०२ १७१ जगमे नारि रूवडि १३४-३१५ १७२ जतन करै च्यारूं जीवतणां ८०-७५ १७३ जलज्यो पासो षेलणां ७८-७२ १७४ जल ही उढ''हरण (प.)
२१५-५६ १७५ जष्य राज्यस वेताल है (टि.)
८७-२२ १७६ जाकी जासू लगन हे (प.)
. २०१-३६
१५१ घणा दीनारी प्रीतडी ८३-८७ १५२ घूघरीयारा सौरतूं ८६-१००
च १५३ चढीया सहु जानीया घणा ६१-२२ ।
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