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परिशिष्ट २ (क)
[ २१७ क्रमाङ्क पृष्ठाङ्क पद्याङ्क
पृ० प० १०१ चाल विलंबी इधक चित ४८-३७१ १२८ देषत धुंघट पोट दे ४४-३१५ १०२ चाली घाट चीरवै ४०-२८२ १२६ दंपत वरस प्रजंक पर २५-२१३ १०३ चाले नाव-जिहाज चढ़ ३०-२३६ १३० दंपति विलसो सुष मदन ४८-३७८ १०४ चाहत चातुर अधिक चित १-३ १०५ चाहत जोबन अधिक चित ५-३६ १०६ चाहत बेगी इधक चित ४४-३२३ १३१ धजा फरकत दल सधर १५-१२८ १०७ चाहत हीरां छैल चित ७-५४ १३२ धन जोबनका थे धणी ३४-२५२ १०८ चैत मास पष चांदणे २-१२ १०६ चैन बुझाकड़ मुष बचनै १०-८० ११० चंद्रहार ऊपर चमक २२.१८१ १३३ नर नारी सोभत निपट १५-१२७ १११ चंदमुषी नगलोचनी ४३-३०६ १३४ नरषौ मो पर शुभ नजरि ४६.३४३ ११२ चांदस्यंघ बोल्यो बचन १०-११ १३५ निरमलगढ़ बूंदी नगर ८-६०
१३६ नील बिडंग कुद्यो लहर २४-२०३ ११३ छकी होरा मदन छकि ५-१० ११४ छुटत दड़ी गुलाब छिब ४४-३१४
१३७ प्यारा पलकां ऊपर २५-२१६ ११५ छुद्रघंटका अधक छव २२-१८६
१३८ प्यारी थायो प्रजंक पर २५-२०८
१३६ प्यारी कर गह प्रेमसुं २७-२२६ ११६ जगमग प्राभूषण जड़े १०-७५ १४० प्यारी चाहत महल पर ४४-३२२ ११७ जगमंदर जगनीवांसमै २८-२३० १४१ प्यारी छ अत प्राणकी ४६-३८६
१४२ प्यारी पीतम हेत पर ४८-३७६
१४३ प्यारी पीव प्रजंक पर २५-२१४ ११८ डसरण एक सुंडाल १-१
१४४ प्यारी फाग बसंत पर ४३-३०७ ११६ डोली झपटी डाव कर ४५-३३३
१४५ प्यारो राज पधारज्यो ४४-३२१
१४६ प्यारी सागर प्रेमका ४६-३४५ १२० तरवर पत चंदणत ४२-२६४
१४७ प्रगट महल जल तीर पर १०-७८ १२१ तिलक तेल तंबोल मिल २२-१७५
१४८ प्रीतम प्यारी पेम पर
(अर्द्धाली) ४६-३८७
१४६ प्रोहित प्रब चाल्यौ प्रगट ३०-२३५ १२२ दरगहै राणाको दरस ३०-२३७ १५० प्रोहित पायो पेमसुं १६-१५१ १२३ दरवाज प्रोहित दूगम २४-२०० १५१ प्रोहित ईण बिधि पूछियौ १०-७४ १२४ दाब कर बांही दड़ी ४६-३५० १५२ प्रोहित कहियो पदमणी ४८-३७६ १२५ दाबत प्रतबल कूदियो २४-२०१ १५३ प्रोहित कीनो जग प्रगट ६-७० १२६ दिल कपटी मैं देषिया ४६-३४८ १५४ प्रोहित प्यारोने कह्यौ २६-२१७ १२७ दुलही बनड़ो वेषतां ४-२६ १५५ प्रोहित प्यारी षेल पर ४३-३०४
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