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बात दरजी मयारामरी
मिजलां-मिजलां म्यारजी, अलवल पुंहचा प्राय । समाचार वरतै सरब, जसां कनै नत जाय ॥ ३३ दौय अगाऊ दोडीया, दियण वधाइदार ।
जसा वाट जोती जकौ, सज प्रायौ सिरदार ॥ ३४ ७. वारता- वधाइदारनै पांचसै मोहरां वधाईमें दीधी नै मालकीन कह्यौथू सांमी जाय । भादरवाकी घटा पण प्रायन लूबी छ । मुधरी-मुधरी बूदां पडै छ। राव वषतावरसींग असवारी कीधी छ। सो पैतीस हजार नरुपोता सोनेरी साकतां गज गाहांमैं गरक कीया थका बाजारमैं घोडा उछकावै छै । महोलां-महीलां हजारां सहेलीया ऊभी गावै छै । जकण वषतमै जानरौ कैतूल कीधा सरीषा घोडा, सिरदार लीधा, मयारामजी पण पाया छ । रंग-राग उमेदवाराम (मै) छाया छै । सो जसां कहै --मालकी ! यूं सांमी जा।
जद मालकी कहै-या तो मेह अंधारी रात छै नै जणमै रावरी असवारीरौ लोक गलीयांमै नहीं छै । मयारामजीकी कसी षबर पडै ? जद जसां कहै-सूरज बादलांमै ढकीयौ कदी रहै ? अण ऐहलांणा मयारामजीन औलष लीजे।
दोहा- तुररै छौगै चांकीया, झलंब रहै अठ जांम ।
भीनै रंग अलीयौ भमर, मांणोगर म्यारांम ॥ ३५ फब सेली किलंगी फबी, दुपटै पेचां दूण । प्यारै (म्यारै) जणनै ईषनै, लषां सहेली लूण ॥ ३६ अलगी वे(व्हे) जोहे अलो, जोवण दीजो जांन ।
मांणीगर म्यारांमको, वेषण दोजौ वांन ।। ३७ ८. वारता- अणतरैका मयारांम छ । थू अोळष लीजे। जद मालकी सारा सरदार नजरां वार वती थकी मयारामने अोलष नै मुजरौ कर नै मयारांमका हाथकी मूदडी रामवगस लायो, सो निजर की। ___ दुहा-- मालू मेले मांझली, तारव छैल तमाम ।
जसां कहती जैहडौ, मिलीयो यक म्यारांम ॥ ३८ मुजरौ करनै मालकी, प्रागै ऊभी प्राय ।
म्यारै कररी मूदडी, दोधी तुरंत देषाय ।। ३६ ६. वात- जद मयारांमनै मालकी तोरण लावे छै । सात ही वडारणां दुजोडी साथे छै। पांचसै भगतणां, पातरां, ढोलणांरा गरट माहे वींद राजा घोडा षडे छै । ईंद्र की असवारी अोला-भोला पडै छ । मयारांमजी वैहता महेलीयां सांमौ भाले छ, कामदेवरा बांणासू जालै छै। जद मालकी मयारांमनै कहै छै-राज ! सूधो नजरां कु न वहै छै ?
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