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बात रोसालूरी.
[ ५६ सारी वीध बालकरी करतां थका ईग्यारै वरस हूवा। त? एकदा समाजौगरै विषै राजा भौजरा घररा नै राजा मानरा घररा नालेर आया। तिणां साथें मंत्रीसर पाया छ । सूं प्राय नै मीलीया, मूजरौ कीयौ, बाह पासाव कीया,
आमी-सामी हकीगत, कुसल पूछीया । वडी स्याली हुई। तराजा मंत्रीसरानू कहै-मांहा ताई आवणौ हूवौ सौं कांई कारण छ ? सौ म्हानै कहौ । ___ Aतठे प्रधान बोलीयौ-श्रीमाहाराज ! राजा भौजजी, श्रीमानजीरी बेटी ईयारी सगाइरो नालेर ल्याया छा; आपरा कुंवर दीषावो। इण कारण पायां छां । सो आप कुवरजी ने तेडावो, ज्यूं नालेर बधांवां इंसौ सून नै राजाजी मनमै वीचारीयौ-'कुवरनै वरस इग्यारे हूवा नै इक वरस वलै घट छ, सो बार काढणौ, मढयौ देषणौ जोग नई, नै परधान नालेर ल्याया सौ अबै ईणनै कांई जाव देउ, सौ राजा समस्त मनमै वीचारीयौ। त? आपरा ठाव पांच सात उमरांवानै लै नै प्राधा जाय नै राजा समस्त मनमै वीचारीय उमरावाने कहेयौ-त, ईणरौ जाव काइ देवौ। तरै उमराव बोलीयौ-श्रीमाहाराजाजी, ईणरो उतर तो ौ छै— अवारै तो ईरानै डेरा दीरावौ, षांणा दानारा जतन करावौ नै रातै सभा माड नै उमरावा, प्रधान सारा ही भेला हुय नै मनसौबौ कर न सारो ही जाबतौ कर देस्या IA
Bतरै राजा समस्त पाछौ आयनै प्रधाननू कहीयौ-पाज तो आप डेरा करावो, भोजन करावो; सूवारे जबाब सारो ही हुय नासी, इसौ कह्यौ तठ प्रधान बोलीया-जौ हकम, आपरो कह्यौ सौ प्रमाण छै । इतरौ कैह नै प्रधान उठीयो । परधान रा डेरा दीराया। षाणा-दाणारा जैतन कराया।B
[-] कोष्ठकान्तर्गत पाठ के स्थान में ग. घ. प्रतियों में निम्न पंक्तियां ही उपलब्ध हैं.
ख.-हीवे राजा इसो जाब सुण ने कुवर ने पांच धायां साथे महीलांमै राष्या। इम करतां वरस इग्यारे वतीत हुआ । तद उजेणीरो धणी राजा भोज तीण री बेटीरा. नालेर आया । फेर राजा मानरी बेटीरा पीण नालेर प्राया।
ग. तदी कुंअर नै च्यार धान लगाई। महीलांमै राष्ये । तदी वरस अग्यारांरा हूवा । तदी नालेर प्रायो।
घ. तदी कुंवरने ऊचा प्रवास छ, मैहलांसु अलगा छै। तठे च्यार धायां ले गई। धायांने कह्यौ- मैहलामै राषजौ । तदी वरस १२ हूवा । तदी नालेर पाया।
A-A. कोष्ठकगत पाठ ख. प्र. में नहीं है तथा इसके स्थान में ग. में निम्न पंक्तियाँ ही उपलब्ध हैग. तदि राजा समस्तन कह्यौ---सगाई करो। B-B. चिन्हमध्यग पाठ ख. ग. ध प्रतियों में अनुपलब्ध है।
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