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________________ इस ग्रंथ का इतना प्रचार हुआ कि मारवाड़ के अधिकांश जागीरदारों और चारणों के पास तथा जैनसंग्रहालयों में इसकी अनेक हस्तलिखित प्रतियां मिलती हैं । महत्त्वपूर्ण बात यह है कि इस ग्रंथ का रचयिता कविराजा करणीदान महाराजा अभयसिंह का राज-कवि था। उसने अहमदाबाद युद्ध में स्वयं भी भाग लिया था। हम कह सकते हैं कि पाठकों को सही इतिहासज्ञान कराने में यह ग्रंथ बहुत उपयोगी सिद्ध होगा। सूरजप्रकास के ऐतिहासिक पात्र पात्रों की दृष्टि से जब ग्रंथ की जांच की जाती है तो ज्ञात होता है कि कवि ने ग्रंथ में अत्यधिक पात्रों का उल्लेख किया है। कई मुख्य पात्र तो ऐसे हैं जिनका सम्पूर्ण विवरण इतिहास में प्राप्त होता है किन्तु कई ऐसे भी हैं जो ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं, किन्तु उनकी जानकारी अभी तक प्राप्त नहीं हो सको है। यद्ध के अन्तर्गत कवि ने कई योद्धाओं के केवल नाम गिना दिये हैं, उनमें से कई ऐसे हैं जो उस समय अवश्य प्रसिद्ध होंगे किन्तु इस समय उनके बारे में प्रकाश डालना तब तक दुर्लभ हो गया है जब तक उनसे सम्बन्धित ऐतिहासिक सामग्री प्रकाश में नहीं आ जावे । इतना अवश्य कहा जा सकता है कि पौराणिक वंश-तालिका के अलावा कवि ने जितने भी पात्रों का उल्लेख किया है वे ऐतिहासिक दृष्टि से ठीक जान पड़ते हैं। स्त्री पात्र सम्पूर्ण ग्रंथ में नहीं के बराबर हैं। नीचे ग्रंथ में आये हुए खास-खास पात्रों का संक्षिप्त परिचय दिया जाता हैअम्बर चंपू यह बड़ा पराक्रमी शासक हुआ। इसका पूरा नाम मलिक अम्बर था। यह जाति का हब्शी था । यह अहमद नगर राज्य का प्रधान मन्त्री था। अहमद नगर का राज्य मुगल सम्राट अकबर के अधिकार में जाने पर यह उस राज्य के बहुत से भाग का स्वतन्त्र शासक बन बैठा और उपद्रव करने लगा। ग्रंथानुसार बादशाह अकबर ने जोधपुर नरेश सवाई राजा सरसिंह को इसका दमन करने के लिये दक्षिण में भेजा और इन्हें अपने कार्य में सफलता मिली। जहांगीर के शासन-काल में अम्बर को दबाने के लिये पुनः महाराजा गजसिंह को भेजा गया । उन्होंने भी इसका दमन कर के शान्ति स्थापित की। वृद्धावस्था Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003388
Book TitleSurajprakas Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1963
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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