SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 466
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ७क (३-१-या१क) ७क (३-१-प्रा१ख) ७क(३-१-प्राग) ७क (३-१-१५). Jain Education International लव कुश अंगद चन्द्रकेत सुबाहु सूरसेन तक्ष पुष्कर । ७क (३-१-या१ख-१) ७क (३-१-प्रा१ख-२) ७क (३-१-प्रा१ग-१) ७क (३-१-आग-२) ७क (३-१पारघ-१) ७क( -१-१२-२) वननाथ सुसंधि भानुरथ (भानूमान् रणंजय अतिथि शंखन मर्ष (मर्षण) प्रतीकाश्व सजय निषध घ्युषिताश्व सहस्वान् सुप्रतीक शुद्धोधन नल (नभ) विश्वसह विश्रुतवान् मरुदेव शाक्य पुंडरीक हिरण्यनाभ बृहद्वलX सुनक्षत्र लांगल (राहुल) क्षेमधन्वा पुष्य वृहद्रथ किन्नर प्रसेनजित For Private & Personal Use Only [ ८२ ] देवानीक ध्रुवसन्धि बृहत्क्षय अंतरीक्ष क्षुद्रक सुदर्शन क्षय सुतपा (सुपर्ण) रणक (क्षुलिक) अहिनगु (अहीन) पारियात्र (पारिपात्र) अग्निवर्ण वत्सव्यूह अमित्रजित सुरथ दल शीघ्र दिवाकर वृहद्राज सुमित्र बल सहदेव बहि (धर्मी) www.jainelibrary.org प्रसुश्रुत (शेष कालम २ पर) (शेष कालम ३ पर) x यह महाभारत युद्ध में अभिमन्यु के द्वारा मारा गया। बृहदश्व (शेष कालम ४ पर) कृतंजय (शेष कालम ५ पर)
SR No.003388
Book TitleSurajprakas Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1963
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy