SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 448
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [ ६४ ] बांसवाड़ा __ यह राजस्थान के साधारण और छोटे नगरों में है। यह २३.१० उत्तर अक्षांश और ७४°२" पूर्व देशान्तर पर स्थित है। इसका पश्चिमी भाग ऊपजाऊ और घना बसा हुआ है, शेष भाग चारों तरफ पहाड़ों और जंगलों से घिरा होने के कारण कम आबाद है। इसके आस-पास भीलों की बस्ती अधिक है । प्राचीन शिलालेखों के अनुसार यह नगर वि० सं० १५३६ से पूर्व बसाया गया मालूम होता है जिसकी पुष्टि डूंगरपुर के चितली गांव से मिले शिलालेख से होती है। अकबर के शासनकाल में इस पर मुगलों का अधिकार हो गया था किन्तु थोड़े ही समय बाद पुनः इस पर रावल उग्रसेन ने अधिकार कर लिया। बीकानेर राजस्थान का यह मरुस्थलीय नगर इस प्रदेश के ठीक उत्तर में २७°१२° उत्तर अक्षांश और ७२०१५” पूर्वी देशान्तर पर स्थित है । जोधपुर के राव जोधाजी के पुत्र बीकाजी ने वि० सं० १५४५ में इस प्रदेश के जाटों को दबा कर वहाँ एक नगर बसाया जिसका नाम बीकानेर रक्खा और उसे अपनी राजधानी बनाया। इस नगर के आस पास के इलाके को जांगल प्रदेश कहते हैं। इसीलिये यहां के राजा जंगलधर बादशाह कहलाते थे। यहाँ का पानी खारा है और पानी की बहुत कमी रहती है । बुरहानपुर यह ऐतिहासिक नगर भारत के दक्षिणी भाग में खानदेश में स्थित है। मुगलकाल में यह नगर वाणिज्य का केन्द्र था। फरुखीवंश का बादशाह अलीखान के राज्य की राजधानी यही नगर था । यह उस समय रेशम और सूत के व्यापार के लिये प्रसिद्ध था। यह राज्य भारत के प्रसिद्ध सम्राट अकबर के समय में अलग इकाई के रूप में था। ई० सन् १५९१ में शेख फैजी को अकबर ने अपना राजदूत बना कर बुरहानपुर भेजा था। सवाई राजा सूरसिंह के देहावसान के बाद महाराजा गजसिंह का यहीं राज्याभिषेक हुआ था। बन्दी नगर यह नगर राजस्थान के दक्षिण पूर्व में स्थित है। यह नगर प्राचीन काल में एक मुख्य नगर था और कोटा राज्य इसी के अन्तर्गत था। किन्तु ई० सन् १६३१ में कोटा राज्य अलग हो गया। बादशाह शाहजहाँ ने इसे बून्दी के राव रत्नसिंह के दूसरे पुत्र माधवसिंह को सौंप दिया। तब से बून्दी और कोटा दो अलग-अलग राज्य हो गये। प्राचीन काल में बून्दी नगर पर मौर्यवंशी राजाओं का अधिकार था। उनसे चौहान वंश के हाड़ा राजपूतों ने अपने अधिकार में कर लिया। यह नगर तीन पोर पहाड़ियों से घिरा है । इसके उत्तर में तारागढ़ नामक सुदृढ़ दुर्ग बना हुआ है और इसके नीचे ही बून्दी नगर बसा हुआ है। इस दुर्ग को राव नरसिंह ने वि० सं० १४११ में बनवाया था। भीनमाल (श्रीमाल नगर) यह जालोर जिले का प्राचीन नगर है जो जसवन्तपुरा से २० मील उत्तर पश्चिम Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003388
Book TitleSurajprakas Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1963
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy