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________________ परिशिष्ट ३ भौगोलिक टिप्पणियाँ [ सूरजप्रकास के तीनों भागों में प्राये हुए ऐतिहासिक महत्व के स्थानों श्रादि का परिचय ] अजमेर राजस्थान के अजमेर जिले का मुख्य नगर है, जो अरावली पर्वत श्रेणी की तारागढ़ पहाड़ी की ढाल पर स्थित है । यह नगर १०४५ ई० में अजयपाल नामक चौहान राजा द्वारा बसाया गया था। ई० सन् १३६५ में मेवाड़ के शासक, १५५६ में अकबर और १७७० से १८८० तक मेवाड़ तथा मारवाड़ के भिन्न-भिन्न शासकों द्वारा शासित हो कर अंत में १८८१ में अंग्रेजों के आधिपत्य में चला गया । हिलवाड़ ( णिलवाड़ा ) यह हिल पाटन गुजरात के सोलंकी वंश के राजाओं की राजधानी था । इसे प्रसिद्ध चालुक्य मूलराज ने बसाया था और यह महमूद गजनी के हमले के पूर्व तक सोलंकी राजाओं की राजधानी बना रहा । सोमनाथ का प्रसिद्ध शिव मंदिर भी वहीं था जिसे महमूद गजनी ने १०२४-२५ ई० में आक्रमण कर के नष्ट कर दिया था । उसके बाद पुनः इस पर चालुक्यों का अधिकार हो गया और उन्होंने पर्याप्त काल तक राज्य किया । बाद में बाघेलों ने इसे जीत कर अपना राजकुल वहां प्रतिष्ठित किया । यह नगर वैभव की चरम सीमा तक पहुँच चुका था । १३वीं सदी के अंत में अल्लाउद्दीन खिलजी ने गुजरात पर श्राक्रमण कर के उसे जीता, तब यह उसी के साम्राज्य का नगर बन गया । अरब एशिया के दक्षिण पश्चिम में एक प्रायद्वीपी पठारी भाग है जो १२° उत्तर अक्षांश से ३२० उ० प्र० तक तथा ३५० पूर्वी देशान्तर से ६६० पू० दे० तक फैला हुआ है । इसका क्षेत्रफल दश लाख वर्गमील है । यह संसार का अति उष्ण प्रदेश है । इसकी गणना संसार के प्रसिद्ध मरुस्थलों में की जाती है । यमन, असीर एवं ओमान के क्षेत्रों को छोड़ सम्पूर्ण अरब शुष्क एवं उष्ण है । यहाँ वर्षा बहुत कम होती है । कुछ भागों में सर्दियों में वर्षा होने से पैदावार हो जाती है। रियाध सऊदी अरब गणराज्य की राजधानी है। यह प्रायद्वीप खनिज तेल का भंडार है। यहां के लोग घोड़ा ऊंट, बकरी, भेड़, गदहा आदि पशु अधिक पालते हैं । मुसलमानों के पवित्र तीर्थ-स्थान मक्का और मदीना इसी देश के हेज़ाज़ प्रान्त में हैं। श्राडौ-वळौ ( अरावली ) यह एक भंजित पहाड़ है जो पृथ्वी के प्रारंभिक काल में ऊपर उठा था । यह पर्वतश्रेणी समस्त गुजरात राजस्थान से ले कर देहली तक, उत्तर पूर्व से ले कर दक्षिण पश्चिम तक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003388
Book TitleSurajprakas Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1963
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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