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________________ छंद का नाम प्रथम पंक्ति पृ० प्रकरण, पद्यांक मोतीदाम १७६ १३० ७ ६२८ ७ . ४५७ १३१ ७ २७४ ६७२ १८८ १८५ १५५ ६६२ २०५ ६४७ २७० ४४१ १४६ ५२७ ५१० २५६ ११४ १०७ चवन्न मजीठ 'जवान' 'विजेस' धदै दहुवै घड़ देखि बछेक वधे छक पौरस दूजिय वार वधै तरियन तणो सबछेक वपा व्रण चोळ वर्ण तिण बार परंगन कंठ घरै घरमाळ वरै रंभ ताय उडाय विमांण घर रंभ कंठ धरै घरमाळ वर रंभ बैसि झळस विमाण वळे पुर-डूंगर वांसहवाळ वहै अस्व गाहटतो धड़ बाधि वहै इम सैल कढे खग वीज बहै झट प्रोझट त्रीछण वाढ घहै खग प्राय खळा झळवेग धहै खग एम'हठी विकराळ वहै खग रोव हणे जब वेर वहै खग वीज ज्युही खग वूठ घहै खग धूहड़ सीस विहार वहै धज साबळ खप्प विहार वहै रत पूर नदी जिम वार वहै रत छोळ ढहै विकराळ वहै सफरी रुख सारत बाग वहै सर सावळ धार विहार वाहै खग 'केहर' सेस वधंत वाहै खग चूहड़खांन विक्राळ वाहै खग मुग्गळ वारोवार विच खळ थाट कर असि वेव 'विजावत' उप्रमते असि वाग 'विजावत' दूठ लड़े जिण वार 'विजावत' 'रूप' लड़े रिणवार वि इक भायण तेग बुहांण विढे खग 'पीथल' रौ बखतेस विढे चंडिका पुत्र यूं वरणेस विढे जुध मेड़तिया जुध वेर विढे भड़ 'जैत' तणौ 'वखतेस' ३८८ २१६ ७ ६८ १२४ १२४ ८ ८ ८ ८ ८७ २६४ १८५ २६६ 6 6 ८३ २४५ २७६ ४७४ ६५४ 6 6 6 6 6 6 १५० ५३० ५७४ SATARAMPARKevine gu ७ १४६ १८३ ७७७ १४६ ५१५ ६५३ २५४ ५१७ ७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003388
Book TitleSurajprakas Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1963
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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