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राजस्थान पुरातन ग्रन्थ-माला ]
[अन्यात ५७
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गणपति श्रीपति गवरिपति, सुमिरि शारदा भान ।
पञ्चदेव पूजा निरत, कविया करणीदान ।। (महाराजा साहिब जोधपुर के निजी ग्रन्थ-भण्डार “पुस्तक प्रकाश" में से ठाकुर जयकृतसिहजी, एडमिनिस्ट्रेटर के सौजन्य से प्राप्त चित्र)