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________________ ७४ ] सूरजप्रकास 'अजमलि''तणी एम' बणि आई, साहांहूंत' करंतां सम्मर । आप करै खातर सुज* आवै, खूदालमां न प्रांण खातर ॥ १३० मोहकम मारि लिया दिल्ली मझि, गिणिया नहीं दिलेस्वर गुम्मर। इण विध देखि गरूर 'अजम्मल'', असपति कोप कियौ १ पहने ऊपर। सझि हसनली लार बाईसी, कीधा'५ विदा सतेज लसक्कर । आया हसनअली अजरायल, जाजुळमांन भयंकर जज्जर' ॥ १३१ १ ख. ग. अजमल। २ ग. ऐम । ३ ख. वणी । ग. वणि । ४ ख. हुंत । ग. हुंता । ५ ख. ग. सुजि। ६ ख. ग. मौहौकम । ७ स्व. ग. लीया। ८ ख. ग. विणीया । ६ ख. ग. विधि। १० ख. ग. अजमल । ११ ख. ग. कीया। १२ ख. ग. पहौ । १३ ख. ऊपरि। १४ ख. ग. वाईसी। १५ ख. कोध। १६ ग. जन्झर । १३०. सम्मर - युद्ध । खातर - इच्छा, मर्जी । सुज - वह । खूदालमा - बादशाहों । खातर - विचार, ध्यान । १३१. मोहकम - यह नागौरके राव इन्द्रसिंहका पुत्र था। बादशाह फर्रुखसियर राव इन्द्र सिंहकी रुख रखता था, अतः महाराजा अजीतसिंहजीने जब मोहकमसिंह नागोरसे बादशाह फर्रुखसियरसे मिलने दिल्ली गया था तब भाटी अमरसिंह केसोदासोत, राठौड़ अमरसिंह नाथावत, कर्णसिंह विजयसिंहोत (थोब) एवं राठौड़ दुर्जनसिंह सबलसिंहोत, जोधा (पाटोदी)को बीस-पच्चीस सवारोंके साथ उसको मारने के लिए भेजा! वे व्यापारियोंके रूपमें दिल्ली पहुंचे और जब एक दिन कुंवर मोहकमसिंह संध्या समय किसी नबाबके यहांसे मातमपुर्सी कर के लौट रहा था तब इन लोगोंने उसे मार्गमें ही मार डाला। -देखो महामहोपाध्याय गौरीशंकर हीराचंद प्रोझा कृत जोधपुर राज्यका इतिहास, द्वितीय खंड, पृ. ५५५ । दिलेस्वर - दिल्लीश्वर, बादशाह । गुम्मर - शक्ति, बल, गर्व । गरूर - गर्व, अभिमान । अजम्मल - महाराजा अजीतसिंह । पह - राजा । सझि - सुसज्जित कर, तैयार कर । हसनलीसैयद हुसेन अलीखां । वि.वि. – जब महाराजा अजीतसिंहके भेजे हुए योद्धाओंने राव इन्द्रसिंहके कुंवर मोहकमसिंहको मार डाला तो फर्रुखसियर बहुत कुपित हुआ और उसने बड़ी सेना देकर मारवाड़ पर सैयद हुसेन अलीखांको भेजा था। यह घटना वि सं १७७० पौष सुदि प्रतिपदा की है। --देखो महामहोपाध्याय पं. गौरीशंकर हीराचंद ओझा कृत जोधपुर राज्यका इतिहास, द्वितीय खंड पृ० ५५६ । बाईसी - सेना, फौज जिसमें बाईस सरदार या अफसर होते थे। अजरायल - जबरदस्त । जाजुळमांन - जाज्वल्यमान । जन्जर-यमराज। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003387
Book TitleSurajprakas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1992
Total Pages464
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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