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________________ ३४ ] ऊदावत' । २ रावत चांपा कूंपा जोधा जैता हठि चढ़े क्रोध क्रीमसीहरा, करण ऊससे लड़ण इंद्रसिंघहूं, जाजुळ भड़ 'अगजीत 'रा ॥ १६ धरा व्रद क्रीतरा । १२ 'ईंदा' रा उणवार, अमल थांणा उ । ऊ बांटै" इळ तणा, खाग वळि हास लखाए । 'अमरावत' खीजियौ, एम" घर देख उखेळा । सभि दळ बळ इंद्रसिंघ, विढ़ण आयौ जिण वेळा । ऊगतां भांण 'अगजीत' रा. वेढ़क सांमुहा या भारथ सझण, एक 93 भड़ प्ररिघड़ बना 1 १७ उतनरा‍ ऊपना ।। २० सूरजप्रका अचळ, अभंग दूदा जोध, अडर करनावत १ ख. ग. वृदावत । २ ग. करणावत । ग. ऊससें । ६ ग. जाजुलि । ७ ख खाऐ । १० ख. ग. बीजीयौ । १४ ग. इंद्रसींध । १५ ख. ग. वेढकि । रततरा । - ५ ३ ग. हठ । ४ ख. ग. क्रोधि । ऊठावे । ग. उठावे । ८ख. ११ ग. ऐम । १२ ख. ग. देषि । १६ ख. ग. वना । १७ ग. ऐक । Jain Education International राव कूंपाके वंशज कुंपावत । ऊदावत- राव उदयसिंहके १६. चांपा - वीर चांपा राठौड़के वंशज चांपावत । कूंपा अभंग - वीर । दूदा - राव दूदाके वंशज मेड़तिया राठौड़ वंशज राठौड़ । जोधा- राव जोधा के वंशज राठौड़ । जेता- जैतावत शाखाके राठौड़ । जोध - योद्धा । करनावत - करण के वंशज राठौड़, करणोत । हठि - हठसे । क्रमसीहरा - करमसी के वंशज राठौड़, करमसीहोत राठौड़ । उससे इंद्रसिंघहूं नागौराधिपति राव अमरसिंह के पुत्र रामसिंह के पुत्रसे । औरंगजेबने खासा खिलप्रत, जड़ाऊ साजकी तलवार, सोनेके साजका घोड़ा, हाथी, नक्कारा और निशान दे कर जोधपुरका राजा बना दिया था। जाजुळ - जाज्वल्यमान, तेजस्वी । भड़ - योद्धा । श्रगजीतरा- महाराजा अजीतसिंह के | जोशमें आते हैं । इसको बादशाह - ५ ख. ऊससे । वांटे। ६ ग. १३ ख. वळ । १८ ख. २०. ईंदा - राव इन्द्रसिंह । श्रमल - • अधिकार 1 श्रमरावत - राव अमरसिंहका वंशज, राव इन्द्रसिंह | खोजियो- क्रुद्ध हुआ । उखेळा - युद्ध, उत्पात । विढ़ण - युद्ध करनेको । ऊगतां - उदय होता हुआ । श्रगजीतरा- महाराजा अजीतसिंहके । वेढक - युद्ध करने वाला । अरिघड़ - शत्रु दल बना दुलहा । सांमुहा सम्मुख, सामने । भारथ सण - युद्ध करनेको । उतनरा - जन्मभूमिके । ऊपना - उत्पन्न | - For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003387
Book TitleSurajprakas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1992
Total Pages464
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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