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________________ । लाळस (चारणों का एक गोत्र) लालावंत (लालसिंह का पुत्र मेलमिल कुंपावत) २८८ ' लालावत (लालसिंह का पुत्र गजसिंह) ३२७ घखत (महाराजा बखतसिंह) २५५ वखतेस ३५८ धखतो (खिड़िया शाखा का चारण कवि) क्य-नाथ (योहा विशेष) २६ रुगनाथ (भंडारी प्रोसवाल) १०० रघनायक (श्रीरामचंद्र) ११ रुघपति (भंडारी प्रोसवाल रघुनाथ) ६६ रुघपती (रघुनाथ नामक रोहड़िया शाखा का चारण कवि) ३०० रुघौ (रुघनासिंह भाटी) २६, ३० रुघौ (योद्धा विशेष) ३२ रुसतमप्रली २३८ रुस्तमजंग २४४ रूप (तेजसिंह का पुत्र रूपसिंह) २८३ रूपा (राव रणमल्ल के पुत्र रूपा के वंशज की राठौड़ों की एक शाखा) २२६ । रैणायळ (जोधा शाखा का रणछोड़दास राठौड़) २६ रोद ६७ रोसनदोले २४४ रोहड़ (चारणों का रोहड़िया गोत्र) ३०० रोहाड़ो २७७ रोहिलाखांन ६२ रौद ६८ लंक (लंका) १०३, २७६, ३५८ लंका २६१, ३५१ लखण (राम भ्राता लक्ष्मण) ३५८ लखमण ( ,) ३०६ . लखावत (लक्ष्मणसिंह करमसोत का पुत्र) चभोखरण २७६ घसंत ३११ वसिस्ठ १२ वाहररपुर ६१ विजपाळ (ब्राह्मण) ३१७ विजपाळ (भंडारी विजयराज) ११६, ३५८ विजपाळोत ३२६ विजपाळी (भंडारी विजयराज) ३१८ विजव-पंजर १७७ विजा (योद्धा का नाम) ३२४ विज (विजयराज भंडारी) ३१६, ३५६ विजो (मामेर के राजा सवाई जयसिंह का (छोटा भाई विजयसिंह) ५५ विजौ (विजयसिंह राठौड़ एक योद्धा) विजौ (विजयराज भंडारी) ३०५ . वितळ २३३ विरहानपुर १०६ विलेद २३६, २४६, २८०, २८४, २८५, २८६, २८७, २६०, २६२, २९३, २९६, ३००, ३०४, ३०६, ३२१, ३२२, ३३०, ३२७, २५०, ३५१, ३६३ विसन (भामेर का राजा विष्णुरिणह) ८६, ८८ विसन (अभयसिंह का पुत्र विष्णसिंह) ३३३ विसवामित्र ३३८ विसाखा ४१ विहारी २८९ लखो (लक्ष्मीचंद) ३०२ लछमण (राम भ्राता लक्ष्मण) २५५ लसकरीखांन ३० लाखपसाव लाल (शक्तिसिंह का पुत्र लालसिंह चांपावत) २८३ लाल (लालचंद पंचोली) ३१८ लाल-कोट १४, ८२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003387
Book TitleSurajprakas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1992
Total Pages464
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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