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________________ १५ ] भीम (धवेचा शाखा का राठौड़ वीर) | महमंदसाह ९७, ९८, ११४, १२२, २४३ २६४ महमदसाह ८४ भीम (एक योद्धा का नाम) ३२६ महराबखान ५६ भीमाण (भीम शीशोदिया) ६ महवेचा (रावळ मल्लिनाथ के वंशज भीमोत (राव चूंडा के पुत्र भीम के वंशजों राठौड़ों की एक उपशाखा) २६४ की राठौड़ों की एक उपशाखा) २६५ महापुराण १६३ भैरव (भैरवसिंह एक राठौड़ योद्धा) ३३० महारांण ५७ भैरूदास (चांपावत शाखा का राठौड़ वीर) महि मुरतब २२ २८३ महियार (चारणों का एक गोत्र) ३०१ भोज (मेड़तिया शाखा का योद्धा) ३१० माहिरांण २६० भोज (राव मालदेव के पुत्र भोजराज महीमुरतब ६५, १३६, ३५६ के वंशजों को राठौड़ों की एक उपशाखा महेस (महेसदास आढ़ा गोत्र का चारण जिसे भोजावत भी कहते हैं) २६५ कवि) मान (भाट) १० मांन सरोवर १७५, १७६ मंगळ (ग्रह) ४२, १८३ माधव (माधोदास धधवाड़िया चारण कवि) मंडळा (राव रण मल्ल के पुत्र, मंडला के वंशजों की राठौड़ों की एक उपशाखा) माधव (एक चारण कवि) १० मारव-४, ७, २०, ३५ २६४ मारवाड़ २६१ 'डोवर १७३, २१७ मारू (मारवाड़) ३५ मकररासि ४२ मारू १०, ६६, ६८ मगध देस १९७ माल (महवेचा शाखा का राठौड़) २६४ मगधदेसी १९६, १९७ माल-फत (फतमल नामक शीशोदिया) ६१ मछ (सामुद्रिक चिह्न) ४६ माळवौ २३८ मछरीक २७८ माहव (चांपावत शाखा का राठौड़) २८२ मदफर ५५, ६६, १०५ माहव (चौहान माहवसिंह) ३१६ मदुफरखा २४५ माहव (राजगुरु पुरोहित) ३१७ ममरजळमुलक ३५१ मिथन ४२ मरुधर १२७ मिरजा राजा ५७ मळियागिर १७१ मिसल १७८ महडू (चारणों का एक गोत्र) ६, २४ मीन, मीन रासि ४२ महताब १३७ मीर खान १६६, ३५१ महत्ताबी १७६ मीरजादा १०६ महमंद ६०, ८०, ६३, ६७, ६८, ११४, मीर जुमलू २४५ ११७, १२२, १२४, १२५, १३२, २४०,, मीर तुजक १२६, २४३, २४४, २४६ २४१, २४७, ३२३, ३५६ । मोर तुजकेस २३६ महमंदखान ११४ मीर अजक ११ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003387
Book TitleSurajprakas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1992
Total Pages464
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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