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________________ कंपा के वंश जो की राठौड़ों की एक उपशाखा) ३४, २८४ कंपावत १३ २८४, ३१२ कंपो ६७ कूरम १७, ५७, ६५, ६६, ८२, ८८, २३३, केतह ४२ केसरीसिंह (राजगुरु पुरोहित) २६८ केसव (केसवदास गाडण, यह महाराजा गसिंह का कृपा पात्र था। महाराजा गजसिंह ने इसको लाख पसाव दिया था। महाराजा गजसिंह की प्रशंसा में इसने एक 'गजगुणरूपक बंध' नामक बड़ा ग्रंथ रचा है) केसवौ (राठौड़ों की मंडला शाखा का वीर) २६४ केहर (जसवंतसिंह का पुत्र केसरीसिंह) २८४ केहर (जालमसिंह का पुत्र केसरीसिंह) ३२५ केहर (भीमसिंह का पुत्र केसरीसिंह) ३९६ कहर (सुखसिंह का पुत्र चारण कवि) ३२६ केहर (केसरीसिंह बारहठ) ३१७ । केहरी (राजगुरु पुरोहित केसरीसिंह) २६६ कैलास ७० कोक-कळा ४३ कोक-सार १५८ कोम (कच्छपावतार) १८, १०, १०१ कौरवराज १५ कतका १८२ . क्रन (दानवीर राजा करण) ८ क्ररण (श्रीकृष्ण) १३२ खप्परांणो ५५ खां हसन्न ६ खान (सर-बुलंद) २८२ खाँन अबदुल ६४ खाँन जिहाँ ३२१ खाँन दौरा १२६ खान दौरा १६६, २३५, २४१ खाँन नाहर ११२ खाना खान २४५ खासा २७५, ३०६ खासा • चौकी २६० खासा-गजां ३३३ खासा झंडां ३०२, ३०७, ३१४ खासा झंडे ३२७ खासा-वाड़े २८२ खीम ३२ खोमसी ६३ खुरंभ २ खुरम ४, ५, ६, ७, २४७ खुरमह २८२ खुरसारण २०, ४८, ८५, १०६, २४१, २८८, ३२५ खरसांग १६, ४८, ७७ खूद ७७, २४० खूदालमां ७४ खूदालमि ६४ खूमाण ६ खेडेचां . २ खेतल (कवि खतसी लाळस) & खेतसी ३०० खेम धधवाड़ ६, २३ खोजे साहुदो खो २४४ खोद २६, ५१, ७६, ११३ खौदालम १२७ ख खंधारा ३११ खट चक्र ३३६ खट वरना १५४ खट वन्न १७७ ग गंग (गंगानदी) ३०, १६३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003387
Book TitleSurajprakas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1992
Total Pages464
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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