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“आगमसुत्ताणि-सटीकं" माथी उ०नु विव२५॥
आगमसुत्ताणि
समाविष्टाआगमाः भाग-१
आयार | भाग-२
सूत्रकृत भाग-३
स्थान भाग-४
समवाय भाग-५-६
भगवती (अपरनाम व्याख्याप्रज्ञप्ति) भाग-७
ज्ञाताधर्मकथा, उपासकदशा, अन्तकृद्दशा, अनुत्तरोपपातिकदशा,
प्रश्नव्याकरण भाग-८
विपाकश्रुत, औपपातिक, राजप्रश्निय भाग-९
जीवाजीवाभिगम भाग-१०-११ प्रज्ञापना भाग-१२ सूर्यप्रज्ञप्ति, चन्द्रप्रज्ञप्ति भाग-१३ जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति भाग-१४ निरवायलिका, कल्पवतंसिका, पुष्पिका, पुष्पचूलिका वण्हिदशा,
चतुःशरण, आतुरप्रत्याख्यान, महाप्रत्याख्यान, भक्तपरिज्ञा,
तन्दुलवैचारिक, संस्तारक, गच्छाचार, गणिविद्या, देवेन्द्रस्तव, मरणसमाधि । भाग-१५-१६-१७नीशीथ
भाग-१८-१९-२
भाग-२१-२२
भाग-२३
भाग-२४-२५
भाग-२६
व्यवहार दशाश्रुतस्कन्ध, जीतकल्प, महनिशीथ आवश्यक ओघनियुक्ति, पिण्डनियुक्ति दशवैकालिक उत्तराध्ययन नन्दी, अनुयोगद्वार
भाग-२७ भाग-२८-२९
भाग-३०
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