________________
नियुक्तिमूलसूत्रस्य विषयानुक्रमः
२३७
२६८
३५८
ओघनियुक्तेिर्विषयानुक्रमः पिण्डनियुक्तेिविषयानुक्रमः मूलाङ्कः विषयः पृष्ठाङ्कः । मूलाङ्कः विषयः पृष्ठाङ्क: १-२० मंगलं, प्रस्तावना गाथा ३१-१०० पिण्ड -५४६ प्रतिलेखनाद्वारम् | १४ | -४३५ / उद्गम -१७०६| पिण्डद्वारम्
१३० -५५७ | उत्पादन -१११४) उपधिप्रमाण द्वारम् | २१४ -६७७ | एषणा |-११३९, अनायतनवर्जन द्वारम् २३० -६८३/ संयोजना |-११४२ प्रतिसेवना द्वारम् २३३ । -६९६ | प्रमाण
-११४६] आलोचनाद्वारम् २३४ | -७०२ | अङ्गार-धुम्र |-११६०| विशोधिद्वारम्
| २३५ | -७१२) उपसंहार
३८४
४०९।
४१३
-
-
ओघनियुक्तिः ० मूल गाथा ८११ ) भाष्य गाथा ३२२ प्रक्षेप गाथा ३२
पिण्डनियुक्तिः ) मूल गाथा ६७१ O भाष्य गाथा ३७ प्रक्षेप गाथा
-
-
-
११६५
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org