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"आगमसुत्ताणि-सटीकं" ॥ १ थी उ० वि१२५॥
समाविष्टाआगमाः
आगमसुत्ताणि भाग-१
आयार
भाग-२
सूत्रकृत स्थान
भाग-३
भाग-४
भाग-५-६
भाग-७
भाग-८
भाग-९ भाग-१०-११
समवाय भगवती (अपरनाम व्याख्याप्रज्ञप्ति) ज्ञाताधर्मकथा, उपासकदशा, अन्तकृद्दशा, अनुत्तरोपपातिकदशा, प्रश्नव्याकरण विपाकश्रुत, औपपातिक, राजप्रश्निय जीवाजीवाभिगम प्रज्ञापना सूर्यप्रज्ञप्ति, चन्द्रप्रज्ञप्ति जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति निरवायलिका, कल्पवतंसिका, पुष्पिका, पुष्पचूलिका वहिदशा, चतुःशरण, आतुरप्रत्याख्यान, महाप्रत्याख्यान, भक्तपरिज्ञा, तन्डुलकैचारिक, संस्तारक, गच्छचार, गणिविद्या, देवेन्द्रस्तव, मरणसमाधि
भाग-१२
भाग-१३
भाग-१४
भाग-१५-१६-१॥
भाग-१८-१९-२० बृहत्कल्प भाग-२१-२२ व्यवहार | भाग-२३ | दशाश्रुतस्कन्ध, जीतकल्प, महनिशीथ भाग-२४-२५ आवश्यक भाग-२६ ओघनियुक्ति, पिण्डनियुक्ति भाग-२७ दशवैकालिक भाग-२८-२९ उत्तराध्ययन भाग-३० नन्दी, अनुयोगद्वार
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