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________________ शतकं-९, वर्ग:-, उद्देशक:-३२ ४७१ होजा?, गंगेया! रयणप्पभाए वा होजा जाव अहेसत्तमाए वा होजा, अहवा एगे रयणपभाए एगे सकरप्पभाए होजा अहवा एगे रयणम्भाए एगे वालुयप्पभाए होज्जा जाव एगे रयणप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा, अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए होजा जाव अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे अहेसत्तभाए होजा, अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए होजा एवं जाव अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा, एवं एक्वेक्का पुढवी छड्डेयव्वा जाव अहवा एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा। तिन्निभंते! नेरइया नेरइयपवेसणएणंपविसमाणा किंरयणप्पभाए होजा जावअहेसत्तभाए होजा?, गंगेया! रयणप्पभाए वा होजाजाव अहेसत्तमाए वा होज्जा, अहवाएगे रयणप्पभाए दो सक्करप्पभाए होजाजाव अहवा एगे रयणप्पभाए दो अहेसत्तमाए होजा ६अहवा दो रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए होजा जाव अहवा दो रयणप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा १२ अहवा एगे सक्करप्पभाए दो वालुयप्पभाए होज्जा जाव अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा १७ अहवा दो सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए होजा जाव अहवा दो सक्करप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा २२ एवं जहा सकरप्पभाए बत्तव्बया भणिया तहा सव्वपुढवीणं भाणियव्वा जाव अहवा दो तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा, ४-४-३-३-२-२-१-१ (४२) । अहवा एगे रयणप्पभाएएगेसक्करप्पभाए एगेवालुयप्पभाए होजा १ अहवाएगेरयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे पंकप्पभाए होज्जा २ जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा ५ अहवा एगे रयणप्पभाए एगेवालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए होजा ६ अहवा एगे स्यणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए होजा एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुय प्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा ९। __अहवा एगे रयणप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए होजा १० जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा १२ अहवाएगे रयणप्पभाएएगेधूमप्पभाए एगे तमाए होज्जा १३ अहवा एगे रयणप्पभाए एगे घूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा १४ अहवा एगे रयणप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होला १५ अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाएएगे पंकप्पभाए होजा १६ अहवाएगेसक्करप्पभाए एगे वालुयपभाए एगे घूमप्पभाए होजा १७ जाव अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा १९।। अहवा एगे सकरप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे घूमप्पभाए होञ्जा २० जाव अहवा एगे सक्कर० एगे पंक० एगे अहेसत्तमाए होजा २२ अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे घूमप्पभाए एगे तमाए होजा २३ अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे घूमप्प० एगे अहेसत्तमाए होजा २४ अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा २५ अहवा एगे वालुयप्पमाए एगे पंकप्पभाए एगे घूमप्पभाए होञ्जा २६ अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे तमाए होजा २७ । ___ अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा २७ अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे घूमप्पभाए एगे तमाए होज्जा २९ अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे घूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा ३० अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा ३१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003339
Book TitleAgam Sutra Satik 05 Bhagavati AngSutra 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year2000
Total Pages1096
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 05, & agam_bhagwati
File Size23 MB
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