________________
आगमसुत्ताणि
भाग-9
भाग-२
भाग-३
भाग-४
भाग - ५-६
भाग-७
[16]
“आगमसुत्ताणि-सटीकं” भाग १ थी ३० नुं विवरण
भाग-८
भाग-९
भाग-१०-११
भाग - १२
भाग - १३
भाग- १४
आयार
सूत्रकृत
स्थान
समवाय
| भगवती (अपरनाम व्याख्याप्रज्ञप्ति)
| ज्ञाताधर्मकथा, उपासकदशा, अन्तकृद्दशा, अनुत्तरोपपातिकदशा,
प्रश्नव्याकरण
विपाकश्रुत, औपपातिक, राजप्रश्निय
जीवाजीवाभिगम
समाविष्टा आगमाः
भाग- १५-१६-१७ नीशीथ
भाग- १८-१९-२० बृहत्कल्प
भाग - २१-२२
व्यवहार
भाग - २३
भाग- २४-२५
भाग- २६
भाग-२७
भाग- २८-२९
भाग - ३०
Jain Education International
प्रज्ञापना
सूर्यप्रज्ञप्ति, चन्द्रप्रज्ञप्ति
जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति
निरवायलिका, कल्पवतंसिका, पुष्पिका, पुष्पचूलिका वहिदशा, चतुःशरण, आतुर प्रत्याख्यान, महाप्रत्याख्यान, भक्तपरिज्ञा, तन्दुलवैचारिक, संस्तारक, गच्छाचार, गणिविद्या, देवेन्द्रस्तव, मरणसमाधि
दशाश्रुतस्कन्ध, जीतकल्प, महनिशीथ
आवश्यक
| ओघनिर्युक्ति, पिण्डनिर्युक्ति
दशवैकालिक
उत्तराध्ययन
नन्दी, अनुयोगद्वार
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org