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________________ प्रथमाध्यायस्य तृतीयः पादः १४१ यहां ब्राह्मण शब्द से विहित विभक्ति संज्ञक प्रत्यय के सकार की इत् संज्ञा नहीं होती है। इसी प्रकार से पच्+तस्=पचतः। पच्+थस् पचथः। (३) अपचताम् । पच्+लड्। अट्+पच्+तस् । अ+पच्+ताम् । अ+पच्+शप्+ताम्। अ+पच्+अ+ताम् । अपचताम्। यहां डुपचष् पाके' (भ्वा०३०) धातु से 'अनद्यतने लङ् (३।२।१११) से लङ्' प्रत्यय, तिप्तस्झि०' (३।४।७८) से ल' के स्थान में तस्' आदेश और उसके स्थान में 'तस्थस्थमिपां तान्तन्तामः' (३।१।१०१) से 'ताम्' आदेश होता है। इस सूत्र से विभक्ति संज्ञक ताम्' के मकार की इत् संज्ञा नहीं होती है। आदिमा निटुडवः (४) आदिर्बिटुडवः ।५। प०वि०-आदि: १।१ जि-टु-डव: १।३ । स०-निश्च टुश्च डुश्च ते-बिटुडव: (इतरेतरयोगद्वन्द्वः) । अनु०-उपदेशे, इत् इत्यनुवर्तते। अन्वय:-उपदेशे आदिर्बिटुडव इत् । अर्थ:-पाणिनीय-उपदेशे आदौ वर्तमाना जि-टु-डव इत्-संज्ञका भवति। उदा०-(ञि) जिमिदा स्नेहने-मिन्न:। निधृषा प्रागल्भ्ये-धृष्टः । त्रिइन्धी दीप्तौ-इद्धः । (टु) टुवेपृ कम्पने-वेपथुः । टुओश्वि गतिवृद्धयो:श्वयथुः। (डु) डुपचष् पाके-पक्तिमम्। डुवप् बीजसन्ताने छेदने च-वप्तिमम् । डुकृञ् करणे-कृत्रिमम् । आर्यभाषा-अर्थ-(आदिः) आदि में विद्यमान (जि-टु-डव:) जि, टु, डु इन शब्दों की (इत्) इत् संज्ञा होती है।। उदा०-(जि) जिमिदा-मिन्नः। स्नेह किया। जिधृषा-धृष्ट: । प्रगल्भता-चतुराई की। विक्ष्विदा-विण्णः । स्नेह किया, मुक्त किया। जिइन्धी-इद्धः । प्रदीप्त हुआ। (टु) टुवेपृ-वेपथुः । कम्पन। टुओश्वि-श्वयथुः । गति। वृद्धि। (डु) डुपचष्-पवित्रमम् । पकाया हुआ। डुवप्-वप्निमम् । बोया हुआ। डुकृञ्-कृत्रिमम् । बनाया हुआ। सिद्धि-(१) मिन्नः । जिमिदा+क्त। मिद्+त। मिद्+न। मिन्+न। मिन्न+सु। मिन्न: । यहां निमिदा स्नेहने' (दि०प०) धातु से क्त प्रत्यय करने पर इस सूत्र से धातु के जि' की इत् संज्ञा हो जाती है। रिदाभ्यां निष्ठातो न: पूर्वस्य च दः' (८।२।४२) से निष्ठा के 'त' को न-आदेश तथा पूर्ववर्ती को भी न आदेश होता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003296
Book TitlePaniniya Ashtadhyayi Pravachanam Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudarshanacharya
PublisherBramharshi Swami Virjanand Arsh Dharmarth Nyas Zajjar
Publication Year1997
Total Pages590
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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