SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 26
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ चित्रण होता था। इनके लिये भी वस्त्रके वेष्टन तथा डिब्बे बनाए जात थ और उनमें जीव-जन्तु न पड़े इसलिये असगन्ध (सं० अश्वगन्ध ) के वर्णकी वस्त्रपोट्टलिकाएँ - कपडेकी पोटलियाँ रखी जाती थीं __ ग्रन्थसंग्रहों पर चौमासेमें नमी और उष्णकालमें गरमीकी असर न हो तथा दीमक आदि पुस्तकभक्षक जन्तुओंका उपद्रव न हो इस लिये उनके लायक स्थान होने चाहिए। ऐसे अत्यन्त सुरक्षित स्थान प्राचीन समयमें बहुतसे होने चाहिए। परन्तु उनमें से अत्यन्त सुरक्षित सुगुप्त एवं आदर्शरूप माना जा सके ऐसा एक मात्र स्थान जेसल मेरके किलेके मन्दिरमें बचा हुआ है। इसमें वहाँका श्रीजिनभद्रसूरिका ज्ञान भाण्डार सुरक्षितरूपने रखा गया है। छह सौ वर्षोंसे चला आता यह स्थान जैनमन्दिरमें आए हुए भूमिगृह-तहखानेके रूपमें है । छह सौ वर्ष बीत जा पर भी इसमें दीमक आदि जीव-जन्तुओंका तथा सर्दी-गरमीका कभी में संचार नहीं हुआ है । यह तो हमारी कल्पनामें भी एकदम नहीं आ सकत कि उस जमा नेके कारीगरोंने इस स्थानकी तहमें किस तरहके रासायनिक पदार्थ डाले होंगे जिससे यह स्थान और इसमें रखे गए ग्रन्थ अबतक सुरक्षित रह सके हैं ! ज्ञानभाण्डारोंके मकान जिस तरह सुरक्षित बनाए जाते थे उसी तरह राजकीय विप्लवके युगमें ये मकान सुगुप्त भी रखे जाते थे । जेसलमेरके निलेका उपर्युक्त स्थान निरुपद्रव, सुरक्षित एवं सुगुप्त स्थान है । इसके भीतरके तीसरे तहखानेमें ज्ञानभाण्डार रखा गया है और उसका दरवाजा इतना छोटा है कि कोई भी व्यक्ति नीचे झुककर ही इसमें प्रविष्ट हो सकता है। इस दरवाजेको बन्द करनेके लिये स्टीलका ढक्कन बनाया गया है और विप्लवके प्रसंग पर इसके मुँहको बराबर ढंक देनेके लिये चौरस पत्थर भी तैयार रखा है जो इस समय भी वहाँ पर विद्यमान है। इसके बादके दो दरवाज़ोके लिये भी बन्द करनेकी कोई व्यवस्था अवश्य ग्दो टोगी पन्त आज उसका कोई अवशेष हमारे सामने नहीं है। तहख़ा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003284
Book TitleGyanbhandaro par Ek Drushtipat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay
PublisherGujarat Vidyasabha
Publication Year1953
Total Pages30
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy