________________ (45) अणुओगदाराई (43] 555555555555555 Roy C明明明明明听听听听听听听听听听听听听听听明乐乐乐听听听听听听听听听听听听听乐听听听听听听听听FMC तहिं णिक्खित्ते भवति, तम्हा इहं ण णिक्खिप्पइ तहिं चेव णिक्खिप्पिस्सइत्त।से तं निक्खेवे। सुत्ताई 601-0605. अणुगमदारं] 601. से किं तं अणुगमे 12 दुविहे पण्णत्ते / तं जहा-सुत्ताणुगमे य निज्जुत्तिअणुगमे य / 602. से किं तं निजुत्तिअणुगमे ? 2 तिविहे पण्णत्ते / तं जहा- निक्खेवनिज्नुत्तिअणुगमे उवधातनिज्जुत्तिअणुगमे सुत्तप्फासियनिज्जुत्तिअणुगमे / 603. से किं तं निक्खेवनिज्जुत्तिअणुगमे ? 2 अणुगए। 604. से किं तं उवघायनिज्जुत्तिअणुगमे ? 2 इमाहिं दोहिं गाहाहिं अणुगंतव्वे / तं जहा- उद्देसे 1 निद्देसे य 2 निग्गमे 3 खेत्त 4 काल 5 पुरिसे य 6 / कारण 7 पच्चय 8 लक्खण 9 णये 10 समोयारणा 11 ऽणुमए 12 // 133 / / किं 13 कइविहं 14 कस्स 15 कहिं 16 केसु 17 कहं 18 किच्चिरं हवइ कालं 19 / कइ 20 संतर 21 मविरहितं 22 भवा 23 ऽऽगरिस 24 फासण 25 निरुत्ती 26 // 134|| से तं उवघातनिज्जुत्तिअणुगमे / 605. से किं तं सुत्तप्फासियनिज्जुत्तिअणुगमे ? 2 सुत्तं उच्चारेयव्वं अखिलियं अमिलियं अविच्चामेलियं पडिपुण्णं पडिपुण्णघोसं कंठोढविप्पमुक्कं गुरुवायणोवगयं / तो तत्थ णज्जिहिति ससमयपयं वा परसमयपयं वा बंधपयं वा मोक्खपयं वा सामाइयपयं वा णोसामाझ्यपयं वा / तो तम्मि उच्चारिते समाणे केसिंचि भगवंताणं केइ अत्थाहिगारा अहिगया भवंति, केसिचि य केइ अणहिगया भवंति, ततो तेसिं अणहिगयाणं अत्थाणं अभिगमणत्थाए पदेणं पदं वत्तइस्सामि संहिता य पदं चेव पदत्थो पदविग्गहो / चालणा य पसिद्धी य, छव्विहं विद्धि लक्खणं // 135 // से तं सुत्तप्फासियनिज्जुत्तिअणुगमे / सेतं निज्जुत्तिअणुगमे / सेतं अणुगमे। [सुत्तं ६०६.णयदारं]६०६.से किं तं णए ? सत्त मूलणया पण्णत्ता / तं जहा-णेगमे संगहे ववहारे उज्जुसुए सद्दे समभिरूढे एवंभूते / तत्थ- णेगेहिं माणेहिं मिणइ त्ती णेगमस्स य निरुत्ती 1 / सेसाणं पि नयाणं लक्खणमिणमो सुणह वोच्छं // 136 / / संगहियपिडियत्थं संगहवयणं समासओ बेति 2 / वच्चइ विणिच्छियत्थं ववहारो सव्वदव्वेसुं 3 // 137|| पच्चुप्पन्नग्गाही उज्जुसुओ णयविही मुणेयव्वो 4 / इच्छइ विसेसियतरं पच्चुप्पण्णं णओ सद्दो 5 // 138 / / वत्थूओ संकमणं होइ अवत्थु णये समभिरूढे 6 / वंजण-अत्थ-तदुभयं एवंभूओ विसेसेइ 7 // 139|| णायम्मि गिण्हियव्वे अगिण्हियव्वम्मि चेव अत्थम्मि / जइयव्वमेव इइ जो उवएसो सो नओ नाम // 140 / / सव्वेसि पि नयाणं बहुविहवत्तव्वयं निसामेत्ता / तं सव्वनयविसुद्धं जं चरणगुणट्ठिओ साहू॥१४१।। सेतं नए।[॥अणुओगहाराइंसम्मत्ताई॥] सोलससयाणि चउरुत्तराणि गाहाण जाण सव्वग्गं / दुसहस्समणुट्ठभछंदवित्तपरिमाणओ भणियं // 142 / / नगरमहादारा इव कम्मदाराणुओगवरदारा। अक्खर-पिंदू-मत्ता लिहिया दुक्खक्खयट्ठाए॥१४३|| जाणमोत्थुणं समणस्स भगवओ महइमहावीरवद्धमाणसामिस्स // णमो अणुओगघराणं थेराणं / भगवंसिरिसामज्जवायगविरइयं 乐乐乐乐乐听听听听听听听听听听乐乐乐听听听听听听乐听听听听听听乐听听听听听听听听听听听听听听听听听 Koro4 5 5 55555555श्री आगमगणमंजूषा-१९४४॥54555555555555555555555OOR