________________ +959 (25-331 दस पडन्नयसत्तेस- १गच्छायार पडण्णय B (24-33) दस पइन्नयसुत्तेसु. 17 गच्छायार पइण्णय 8 [63] E EEEEEEEEOSory HOTO乐乐乐国乐乐乐乐玩乐乐玩玩乐乐国乐乐乐乐乐乐乐玩玩乐乐乐与乐与乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐玩FM अज्नासरूववण्णणाहिगारो 2202. जत्थ य एगा खुडी एगा तरुणी उ रक्खए क्सहिं। गोयम ! तत्थ विहारे का सुद्धी बंभचेरस्स?॥१०७॥ 2203. जत्थ य, उवस्सयाओ पाहिं गच्छे दुहत्थमेत्तं पि। एगा रत्तिं समणी, का मेरा तत्थ गच्छस्स?॥१०८॥२२०४. जत्थयएगा समणी एगो समणो यजंपए सोम! नियबंधुणा विसद्धिं, तं गच्छं गच्छगुणहीणं॥१०९|| 2205. जत्थ जयार-मयारं समणी जंपइ गिहत्थपच्चक्खं। पच्चक्खं ससारे अज्जा पक्खिवइ अप्पाणं // 110 // 2206. जत्थय गिहत्थभासाहिं भासए अज्जिया सुरुठ्ठा वि। तं गच्छंगुणसायरे! समणगुणविवज्जियं जाण॥११॥२२०७. गणिगोयम! जाउचियंसेयं वत्थं विवज्जिउं। सेवए चित्तरूवाणि, न सा अज्जा वियाहिया // 112 / / 2208. सीवणं तुन्नणं भरणं गिहत्थाणं तु जा करे। तिल्लउव्वट्ठणं वा वि अप्पणो य परस्स य॥११॥ 2209. गच्छइ सविलासगई सयणीयं तूलियं सबिब्बोयं / उव्वट्टेइ सरीरं सिणाणमाईणि जा कुणइ॥११४॥२२१०. गेहेसु गिहत्थाणं गंतूण कहा कहइ काहीया। तरुणाइ अहिवडते अणुजाणे, सा इ पडिणीया // 115 // 2211. वुड्डाणं तरुणाणं रत्तिं अज्जा कहेइ जा धम्मं | सा गणिणी गुणसायर ! पडणीया होइ गच्छस्स // 116 // 2212. जत्थ य समणीणमसंखडाइ गच्छम्मि नेव जायंति / तं गच्छं गच्छवरं, गिहत्भासोओ नो जत्थ // 117|| 2213. जो जत्तो वा जाओ नाऽऽलोयइ दिवस पक्खियं वा वि॥ सच्छंदा समणीओ मयहरियाए न ठायंति // 118 // 2214. विंटलियाणि पउंजंति, गिलाण-सेहीण नेय तप्पंति / अणगाढे आगाढं करेंति, आगाढि अणगाढं // 119||2215. अजयणाए पकुव्वंति पाहुणगाण अवच्छला। चित्तलयाणि य सेवंति, चित्ता रयहरणे तहा॥१२०॥ 2216. गइ-विन्भमाइएहिं आगार विगार तह पगासिति / जह वुड्डाण वि मोहो समुईरइ, किं नु तरुणाणं ? // 121 // 2217. बहुसो उच्छोलिंती मुह-नयणे हत्थ-पाय-कक्खाओ। गिण्हेइ रागमंडल सोइंदिय तह य कब्बडे // 122 // 2218. जत्थ य थेरी तरुणी थेरी तरुणी य अंतरे सुयइ / गोयम ! तं गच्छवरं वरनाण-चरित्तआहारं॥१२३|| 2219. धोइंति कंठियाओ पोइंति य तह य दिति पोत्ताणि / गिहकज्जचिंतगीओ, नहु अज्जा गोयमा ! ताओ॥१२४॥ 2220. खर-घोडाइट्ठाणे वयंति, ते वा वित्थ वच्चंति। वेसत्थीसंसग्गी उवस्सयाओ समीवम्मि॥१२५।। 2221. छक्कायमुक्कजोगा, धम्मकहा विगह पेसण गिहीणं / गिहिनिस्सेज्जं वाहिति संथवं तह करतीओ॥१२६॥ 2222. समा सीस-पडिच्छीणं चोयणासु अणालसा / गणिणी गुणसंपण्णा पसत्थपरिसाणुगा // 127 / / 2223. संविग्गा भीयपरिसा य उग्गदंडा य कारणे / सज्झाय-ज्झाणजुत्ता य संगहे य विसारया॥१२८।। 2224. जत्थुत्तर-पडिउत्तरवडिया अज्जाओ साहुणा सद्धिं / पलवंति सुरुठ्ठावी, गोयम ! किं तेण गच्छेण ? // 129 // 2225. जत्थ य गच्छे गोयम ! उप्पण्णे कारणम्मि अज्जाओ। गणिणीपिट्ठिठियाओ भासंती मउयसद्देणं // 130 / / 2226. माऊए दुहियाए सुण्हाए अहव भइणिमाइणं / जत्थ न अज्जा अक्खइ गुत्तिविभेयं, तयं गच्छं॥१३१॥ 2227. दंसणइयार कुणई, चरित्तनासं, जणेइ मिच्छत्तं / दोण्ह वि वग्गाणऽज्जा विहारमेयं करेमाणी // 132 // 2228. तम्मूलं संसार जणेइ अज्जा वि गोयमा ! नूणं / तम्हा धम्मुवएसं मोत्तुं अन्नं न भासिज्जा // 133 / / 2229. मासे मासे उ जा अज्जा एगसित्थेण पारए। कलहइ गिहत्थभासाहिं, सव्वं तीए निरत्थयं / / 134|| [गा. 135-37. गंथसमत्ती] 2230. महानिसीह-कप्पाओववहाराओ तहेव य। साहु -साहुणिअट्ठाए गच्छायारं समुद्धियं // 135 / 2231. पढंतु साहुणो एयं असज्झायं विवज्जिउं / उत्तमं सुयनिस्संदं गच्छायारं सुउत्तमं / / 136 / / 2232. गच्छायारं सुणित्ताणं पढित्ता भिक्खु भिक्खुणी / कुणंतु जं जहा भणियं इच्छंता हियमप्पओ॥१३७॥ [ / गच्छायारं सम्मत्तं // 1 // ] GO步兵军乐乐乐国纸與與與與明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明明乐乐乐乐乐场乐乐乐明明明明 OnEducation International 2010_03 For Prvate & Personal Use Only www.jainelibrary.oto