SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 16
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ नं० विषय 1. प्रथम प्रकाश 1. जैन अध्यात्मवाद : आधुनिक सन्दर्भ में । 1. अध्यातात्वाद 2. जैन अध्यामवाद का लक्ष्य आत्मोपलब्धि | 3. आत्मस्वरूप एवं साध्य 4. साध्य - साधना मार्ग का आत्मा से भेद | 5. विविध साधना मार्ग अणुक्रमणिका 12. विवेक पूर्ण अनुष्ठान कर्मक्षय का मुख्य साधन । पृष्ठ 1-22 Jain Education International 3 3 4 5 6. साधन त्रय का पूर्वापर सम्बन्ध 7. जैनपर्वों की अध्यात्मिक प्रकृति । 8. जैन आध्यात्मवाद और लोक कल्याण । 9. क्या जैन धर्म जीवन का निषेध सिखाता है ? 15 10. जैन अध्यात्मवाद की विशेषताएं 16 11. ईश्वर पूजा-उपासना की आवश्यकता | 6 8 12 13 14 3 तीसरा प्रकाश 1. प्रतिमा विभन्न दृष्टिकोण 2. मूर्तिमान्यता पर भिन्न-भिन्न विचार | 3. जिनेन्द्र की अनुपस्थिति में जिनप्रतिमा द्वारा आत्मकल्याण । चौथा प्रकाश 4. 1. प्रतिमा पूजा और विरोध । 2. मूर्ति द्वारा भूर्तिवाले का ज्ञान । 3. जैनों में मूर्ति मान्यता कब से ? 4. चैत्य - जिनपडिमा का अर्थ 5. आगस और प्रतिमा पूजन । 67 77 78 6. जिन प्रतिमा पूजन से लाभ । 7. प्रतिमा पूजन में संघट्टा | 8. पुरातत्त्व । 9. साहित्य । 19 80 17 10. उत्खनन से प्राप्त जिन प्रतिमाएं 83 पांचवा प्रकाश 5 85-112. 85 1. जिन प्रतिमा पूजन पद्धति । 2. श्वेतांबर जैनों की पूजन पद्धति । 86 3. दिगम्बरों की प्राचीन पूजा पद्धति 93 4. सारांश श्वेतांबर दिगम्बर पूजा विधि समानता 19 23-40 2. दूसरा प्रकाश 1. ईश्वर तथा आत्मा की भिन्न भिन्न मान्यताएँ | 2. अनीश्वर ईश्वरवादी 3. विचारनीय बात । 4. पारमार्थिक देव । 33 5. मोक्ष प्राप्ति और जिनप्रतिमा । 37 6. मूर्ति सभ्यता, कला, इतिहास 1. 25 25 31 नं० विषय का अंग 7. मन्दिर धार्मिक भावना के प्रेरक रक्षक प्रवर्धक । पृष्ठ 38 33 41-49 For Private & Personal Use Only 41 44 46 49-84 51 54 छट्ठा प्रकाश 1. क्या प्रतिमा प ूजन में हिंसा 108 5. जिन प्रतिमा प जन विरोधी पंथ 109 6. मूर्तिपूजा से लाभ 111 6. 55 58 113-160 www.jainelibrary.org
SR No.003237
Book TitleJain Dharm aur Jina Pratima Pujan Rahasya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Duggad
PublisherJain Prachin Sahitya Prakashan Mandir Delhi
Publication Year1984
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy