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परमानन्दसूरि ( नवागा० अभयदेव
के शिष्य)
यशोदेव
लक्ष्मीतिलक
चन्द्रतिलक उ
धर्म तिलक
अभय तिलक
जिनेश्वरसूरि
पूर्णकला ( जिनेश्वर के शिष्य) व्याकरण द्वयाश्रय ( हेमचन्द्र ) वृत्ति १३०७( प्राकृत )
प्रत्येकबुद्ध चरित्र (सं०) १२११ अभयकुमारचरित्र ९०३६ श्लोक,
सुरप्रभ विद्यानन्द
जयमंगलसूरि
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( ३२ )
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हितोपदेशमाला वृत्ति (१३०४)
उपदेश
चरित्र
उपदेश भावनासार
धर्मोपदेश प्रकरण प्रा०
शान्तिनाथ चरित्र १३०७
विधिविधान श्रावकधर्मविधि ( १३१३)
बृहद्वृत्तियुक्त ( १३२७ )
चरित्र
चरित्र
१३१२
उल्लासिक स्मरण टीका अजितशान्ति ( जिनवल्लभ) टीका १३३२
दार्शनिक पंचप्रस्थन्यायतर्क व्याख्या (न्यायलंकार टिप्पन) तर्कन्याय सूत्र (अक्षपाद) टीका न्यायभाष्य (वात्स्यायन) टीका वार्तिक (भारद्वाज ) टीका तात्पर्य टीका ( वाचस्पति ) की टीका
न्यायतात्पर्य परिशुद्धि ( उदयन) टीका
न्यायालंकार वृत्ति (श्रीकंठ ) टीका सं० द्वाश्रम (हेमचंद्र) वृत्ति
व्याकरण काव्य ब्रह्मकल्प
व्याकरण
विद्यानन्द व्याकरण अलंकार कविशिक्षा (१३२९-३०)
प्रबोधचन्द्र गणि
सुनिि
नरचन्द्र (कागच्छ देवानन्द
विपन्छी
विजयचन्द्र सूरि
रत्नप्रभसूरि
प्रबोधमूर्ति
सोमप्रभ (घोष के शिष्य )
( ३३ )
दार्शनिक संदेहदोलावलि पर बृहद्वृत्ति
( १३२१ ) शान्तिनाथ चरित्र,
धर्मोपदेशमाला पर वृत्ति
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चरित्र
उपदेश
कल्प
गणित
मंत्रतंत्र
ज्योतिष व्याकरण
आगमिक
कथा
कल्प
सोमचन्द्र छन्दः शास्त्र धर्मघोषसूरि (देवेन्द्र के शिष्य) आगमिक
स्तोत्र
वर्धमान विद्याकल्प लीलावती वृत्तियुक्त
गणित तिलक वृति
कुवलयमाला ( दाक्षिण्य सिंहसूरि) प्राकृत से संस्कृत व्याकरण दुर्गपदबोधटीका - कातंत्र व्याकरण पर १३२८ वृत्तरत्नाकर पर टीका संघाचारभाष्य चैत्यवंदन भाष्य विवरण
आगमिक स्तोत्र स्तुति
मन्त्रराज रहस्य १३२२ भुवनदीपक (पद्मप्रभसूर ) वृत्ति १३२६
प्रश्नशतक, जन्मसमुद्र सटीक शब्दानुशासन
प्रव्रज्याविधान मूलशुद्धि प्रकरण (१३३८)
समरादिस्य संक्षेप १३२४ दीपालिका कल्प ( कल्पनिर्युक्तियुक्त )
कालसप्तति सावचूरि-कालरवरू विचार, श्राद्धजीतकल्प (प्राकृत) दुमकाल संघस्तोत्र, चतुर्विंशति जिनस्तुति
यतिजीतकल्प
२८ यमक स्तुति
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