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स्थानस्वरूप मोक्ष प्राप्त होता है। (आवश्यक नियुक्ति)
नवकारसी प्रभात के समय-'नमुक्कारसहिअं मुट्ठिसहिअं' पच्चक्खाण :
उग्गए सूरे नमुक्कारसहिअं मुट्ठिसहिअं पच्चक्खाइ (पच्चक्खामि) चउव्विहं पि आहारं, असणं, पाणं, खाइम, साइमं, अनत्थणाभोगेणं, सहसागारेणं, महत्तरागारेणं, सव्वसमाहिवत्तियागारेणं वोसिरइ (वोसिरामि)
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रात्रि (शाम) का पच्चक्खाण पाणहार
पाणहार दिवस चरिमं पच्चक्खाइ(पच्चक्खामि) अनत्थणाभोगेणं, सहसागारेणं महत्तरागारेणं सव्वसमाहिवत्तियागारेणं, वोसिरइ(वोसिरामि)
चउविहार, तिविहार, दुविहार दिवस चरिमं पच्चक्खाइ, चउव्विहंपि आहार, तिविहंपि आहारं, दुविहंपि आहारं, असणं, पाणं, खाइमं, साइमं अनत्थणाभोगेणं, सहसागारेणं, महत्तरागारेणं, सव्वसमाहिवत्तियागारेणं वोसिरई ।
१. पच्चक्खाण करनेवाला ‘पच्चक्खामि' और 'वोसिरामि' शब्द
कहे।
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