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सुकृत के सहभागी
मद्रास
मद्रास
मद्रास
मद्रास
मद्रास
हुबली हुबली
हुबली
हुबली
१. मोतीलाल नथमलजी २. पुखराजजी खासाजी ३. सुरेश ट्रेडर्स ४. जेरूपजी पुखराज ५. वसंतमल आणंदलालजी खटोड ६. पूजा पेपर्स ७. ललीत जनरल स्टोर्स ८. हिंमतमल केशाजी ९. पीथाजी पारसमल
। कथावस्तु
नमः श्री हीदेवतायै यहाँ संक्षेप में कथा का विषय बताया जा रहा है।
चरित्रनायक कुवलयचन्द्र का किस प्रकार जन्म होता है, उनका कैसे अपहरण होता है; वहां साधु, देव और सिंह का कैसा योग होता है, उन के पूर्वजन्म का क्या संबन्ध साधु बताते हैं, यह सुनकर ये पाँचों भी किस प्रकार सम्यक्त्व पाकर तप करके स्वर्ग में जाते हैं, वहाँ दैवी सुख भोगकर इस भरतक्षेत्र में पुन: मनुष्य अवतार लेते हैं, परन्तु परस्पर एक-दुसरे को नहीं पहचानते। वहाँ केवलज्ञानी भगवान कैसे पहचान कराते हैं, जिससे ये पाँचो प्रतिबोध पाकर संयम ग्रहण करते हैं और तप करके कर्मों का क्षयकर मोक्ष पाते हैं...
यह मुख्य कथानक है।
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