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________________ में कैसे नहीं चढ़ा देगा ? परन्तु यह कब होगा ? एक बार मन्दिर उपाश्रय में आये तभी न ? आये ही नहीं, तो उसे क्या दिया जाय ? उसे किस तरह धर्म की प्राप्ति करायी जाय ? प्रभावना से भी आता है, तो उसे धर्म दिया जा सकता है। इसीलिये यह प्रभावना भी पापक्रिया नही, किन्तु धर्मक्रिया ही है। तो अब आप कहेंगे, प्रभावना में धर्म कैसे? (१) इसका कारण यह है कि यह बाल जीवों को धर्म की ओर मोडने वाली बनती है। (२) प्रभावना धर्म करने की उपबृंहणा-समर्थन - अनुमोदन रूप होने से सामने वाले को विशेष धर्म में प्रेरित करती है । इसी तरह (३) प्रभावना देने वाला सामने वाले के पूजाश्रवण, व्याख्यान श्रवण या किसी व्रत नियम तपस्या की कद्र करता है, अनुमोदना करता है, और इससे उसके दिल में धर्म की लगन जगती है, इसी तरह करण-करावण- अनुमोदन सरीखा फल नीपजायो । इस प्रकार मालमेवा देने - खिलाने की दिखने वाली यह क्रिया धर्म की उत्पति करने वाली होने से अथवा अच्छी खाने की चीज, कोई खिलौना या दूसरी कोई अछी चीज देकर भी शाला भेजते हैं, फिर उसे धीरे - धीरे पढ़ने की इतनी दिलचस्पी हो जाती है कि कई बार तो वह भूखा प्यासा भी स्कूल चला जाता है । इसका मूल कहाँ है ? पहले (खाने की अच्छी चीज) मिठाई या खिलौना दिया था, उसमें। इसलिये यह देना भी पढ़ाने की क्रिया में ही जाता है। वहाँ यह नहीं सोचा जाता कि यह अच्छा अच्छा देने से तो बच्चा लालची बन जाएगा। क्योंकि यह सबको मालुम ही है कि एक बार तो उसे पढ़ाई में जुड़ने दोन? फिर तो पढ़ाई की दिलचस्पी ही उस लालच को भुलवा देगी । इसी तरह प्रभावना का यह हेतु समझिये कि ऐसा करके भी इन बालजीवों को एक बार तो पूजा-व्याख्यान में जुड़ने दो न? फिर तो उसे प्रभु-भक्ति धर्मश्रवण की दिलचस्पी ऐसी जागेगी कि फिर उसे लालच की कोई परवाह नहीं होगी। इस प्रकार प्रारंभ में लालच से करने पर भी इतने समय के लिये तो दुनिया के आरंभ-समारंभ या विकथा से तो बचेगा न? यह भी लाभ कहने का तात्पर्य यह है कि आकर्षिणी कथा - धर्मकथा है। 'उपमिति- भवप्रपंच कथा' शास्त्र में इसका दृष्टान्त आता है। .१६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003227
Book TitleKuvalayamala Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhuvanbhanusuri
PublisherDivya Darshan Trust
Publication Year
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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