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(पर्वतादि), जो दूर है (मेरू आदि), जो समीप है, जो मध्य है, जो इस (चेतनाचेतन) सर्व में अन्तर्गत है व सर्व से बाहर है, वह सब पुरूष ही है।'
इससे अकेले पुरुष की ही सत्ता का पता चलता है, कर्म का नहीं । इसी प्रकार 'विज्ञानघन एव....' पंक्ति से विज्ञान समूह ही, अर्थात् कर्म नहीं ऐसा लगता है ।
परन्तु यह ठीक नहीं है क्योंकि ये वेद-पंक्तियाँ पुरुष मात्र की स्तुति करती है। ऐसा करने का उद्देश्य 'मैं ब्राहम्ण जाति का, मैं क्षत्रिय जाति का' ऐसा जातिमद छुड़वाने के लिए नीच जाति वाले के साथ भी अद्वैत की - एक रूपता की भावना करवाना है कि - ‘में और यह पुरुष आत्मरूप से एक है, फिर ऊँच-नीच किस बात की ?' शास्त्रों के वाक्यों का विवेक करना चाहिये कि यह किस प्रकार का वाक्य है ? व्यवहार में भी कोई जोश देने वाला वाक्य होता है, तो कोई मजाक का, तो कोई वस्तुस्थिति का सूचक होगा, भले शब्द फिर एक से हो । निराश होते हुए विद्यार्थी को कहा जाता है - 'तू तो होशियार है', अर्थात् परिश्रम कर, सफलता पाएगा । बुद्धिहीन परन्तु अधिक समझदारी के दिखाऊ को भी 'भाई, तू होशियार है' ऐसा कहा जाता है परन्तु मजाक में । अच्छे बुद्धिमान परिश्रमी को जब कहते है कि 'तू तो होशियार है' तो इसका अर्थ है तुझे परीक्षा सरल लगती है ।
इस प्रकार वेद के तीन प्रकार के वाक्य मिलते हैं - १. विधिवाक्य, २. अर्थवाद, और ३. अनुवाद वाक्य ।
(१) विधिवाद - अर्थात् कुछ करने या न करने का निर्देश करने वाले वचन, जैसे कहा, - अग्निहोत्रं जुहुयात् स्वर्गकाम: स्वर्गेच्छु अग्निहोत्र यज्ञ करे। ‘मा हिंस्यात्' - हिंसा नहीं करनी ।
(२) अर्थवाद - अर्थात् स्तुति या निन्दा के भाववाले वाक्य; जैसे - ‘एकया पूर्णयाहुत्या सर्वान् कामान् अवाप्नोति' - 'एक पूर्ण आहुति से सर्वइच्छित की प्राप्ति होती है'। यह पूर्ण आहुति की स्तुति है, परन्तु विधिवाद नहीं; क्यों कि तब तो फिर इतना ही कर के बैठ जाए अग्निहोत्रादि यज्ञ क्यों करे ? वे व्यर्थ ठहरते हैं ! फिर भी स्तुति करके यह सूचित करता है कि इतना तो अवश्य करें व यह ठीक प्रकार से करना ।
वेद वाक्य का समाधान :
इस प्रकार 'एष वः प्रथमो यज्ञो योऽग्निष्टोमः' यानी 'अग्निष्टोम तुम्हारा प्रथम यज्ञ है' यह वैसा न करने वाले की निंदा का वचन है । इसे सूचित करते है कि यह प्रथम किये बिना -अन्य अश्वमेघादि यज्ञ करने से नरकगामी बनना पड़ता हैं । जिससे सम्हाल रखने की सूचना है। 'द्वादशामासाः संवत्सरः' बारह महिनों का एक
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