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दुत्तोसओ अ सो होइ, निव्वाणं च न गच्छइ
- दशवैकालिक सूत्र : ५/२/३२
बहुत मिलने के बाद भी,
जिसको संतोष नहीं, उसका निर्वाण होता नहीं... उसका मोक्ष होता नही...
- पूर्वाचार्य श्री श्रुतकेवली शय्यंभवसूरि म.सा.
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