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।। परमात्मतत्त्वं प्रणमामि नित्यम् ।।
जवानी, आरोग्य और आनंद आत्मा के होते हैं, शरीर के नहीं ! रोग-शोक और संताप से मुक्त आत्मा को हमारी वंदना हो !
" ऐसी अनंत शक्तिशाली
हमको भाव
तेसे.उनका ध्यान करने से
त हो सकती है !!!
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आत्माओं की पजा करनस, नका ध्यान मासी अनंत शक्ति जरूर प्राप्त हो सकती है !!!
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