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आत्मा को नींद
आत्मा सभी न
"आत्माओं क
ओं को देखती है।
...वह तो बसा
आती ही नहीं। बस, दुनिया कोद
आत्मा सभी का
कमी को देखती है।
देखती ही रहती है।
।। पश्यन्नेव परद्रव्यनाटकं प्रतिपाटकम् ।।
लाभ नहीं करती है।
या-कपट, लोभन
आत्मा कभी भी गुस्सा,
। भागुस्सा, अभिमान माया-कप
किसी को डराती है।
आत्मा न तो किसे से डरती है,न ही
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