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Aayupharma
आयुष्य कर्म
१. देवगति के आयुष्य बांधनेवाले मरकर देव बनते हैं। २. मनुष्यगति के आयुष्य बांधनेवाले मरकर मनुष्य बनते हैं। ३. तिर्यंचगति के आयुष्य बांधनेवाले मरकर पशु-पक्षी बनते हैं। ४. नरकगति के आयुष्य बांधनेवाले मरकर नरक में जाते हैं।
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