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पर्वग्रह त्याग
अंतराल में उपग्रह छोड़ना तो सरल है... किंतु अंतर का पूर्वग्रह त्यागना जटिल है। एक बार यदि मन में पूर्वग्रह निर्माण होता है... तो उसका त्याग असम्भव बनता है।
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पूर्वग्रह प्रवृत्ति के सुगंध को गंध बनाता है... और व्यक्ति का मूल्य हमें समझने नहीं देता । ऊपर से हम उसको अवमूल्यन कर बैठते हैं... और जिससे लाभ उठाना चाहिए या
जिससे लाभ लिया जा सकता है, उसे भी हम समझ नहीं सकते।
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