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चतुर्मुख जल मंदिर (उपासकों का स्वर्ग)
यहाँ कदम रखते ही प्रभवीर की अंतिम अवस्था की अनुभूति के एक अनुपम एहसास का अनुभव होता है। चार मुख से देशना देनेवाले देवाधिदेव की स्मृति जागृत होती है।
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लेता गौतम नाम सीझे हर काम, टु:खेलहे विसराम पाये अविचल धाम!
गुरु गौतम-गणधर मंदिर (लब्धि साधकों का स्वर्ग) दुःख-दारिद्र दूर करनेवाले अनंत लब्धि निधान का यह अलौकिक अवतरण है। गुरु गौतम मंदिर के साथ नव सुंदर गुरु मंदिर। कला-कारिगीरी के साथ विनय-भक्ति-समर्पणभाव का सुलभ समागम।
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