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There comes a time WALK AWAY Though your heart's stirbeating ing to myswhat i know
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कदम
।। पर्याप्तं पदमेव ।।
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एक किरण काफी है सूरज तक जाने को,
एक
गंध काफी है बगियाँ तक जाने को और एक कदम काफी है मंजिल तक पहुँचने को । जो एक कदम उठा सकता है वह हिमालय चढ़ सकता है क्योंकि एक कदम से ज्यादा कोई चलता ही नहीं। एक-एक कदम करके हजारों मील की यात्रा तय की जा सकती है। यदि कोई एक साथ दो कदम उठाना चाहे तो नहीं उठा सकता और एक भी कदम न उठा सके इतना कमजोर कोई नहीं होता। एक छोटी सी चींटी भी निरंतर चलती हुई अपने लक्ष्य तक पहुँच जाती है। महात्मा गांधी ने भी कहा था One step is enough for me अर्थात् एक कदम ही मेरे लिए काफी है क्योंकि पहला कदम ही आधी मंजिल है। जो पहला कदम ही भूल जाए उसके लिए मंजिल तक पहुँचने का कोई उपाय नहीं है। यदि कोई संभल कर कदम उठाए तो मंजिल पास आ जाती है और यदि जरा सी चूक कर दे तो आखिरी कदम में भी मंजिल चूक जाती है अतः जितनी सावधानी पहले कदम पर जरूरी है उससे भी ज्यादा सावधानी आखिरी कदम पर जरूरी है। पहला कदम उठाना ही मुश्किल होता है क्योंकि पहले कदम के लिए संकल्प,
साहस, शक्ति और श्रम की जरूरत है।
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