________________
Zein Education International
स्वयं
जिम्मेदार
Torou
आत्मैव रिपुरात्मनः आत्मैव ह्यात्मनो बन्धुः
For
ale personal Use Only
www.jainelibrary.org
'मेरे जीवन की उलझनों में दूसरे कभी भी । जिम्मेदार नहीं है..... सारी जिम्मेदारी मेरी अपनी है। एक बात। सदा स्मरणीय है कि मेरे सुख-दुःख का कर्ता मैं स्वयं हूँ.....। हम अपनी जीवन-बगिया खुद संभालते भी हैं और उजाड़ते भी हैं..... जब कर्म मैंने किये हैं तो उसका फल भी मुझे ही मिलेगा....... जब बीज मैंने बोया । है तो फसल भी मैं ही का[गा। दूसरा तो मात्र मेरे सुख-दुःख का निमित्त है और कारण मैं स्वयं हूँ।। दूसरे को दोष नहीं देना है और ना ही दूसरों से । बंध जाना है। सभी समस्याओं का समाधान है - मैं स्वयं जिम्मेदार हूँ..... दोष जमाने को न देकर अपने विचार और वर्त्तन पर ध्यान देना चाहिए।