SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 82
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ईमानदारी की सूखी रोटी बेईमानी से कमाई गई घी चुपड़ी रोटी से कहीं अधिक श्रेष्ठ है। जूते जैक गरीब चरवाहा था। वह रोज सुबह भेड़-बकरियों को चराने पहाड़ो की ढलान पर जाया करता था। सर्दी के दिन थे और उस बेचारे के पास पहनने के लिए जूते तक नहीं थे । एक दिन जब वह भेड़ों को चरा रहा था कि अचानक एक गाड़ी उसके करीब आकर ठहर गई। उसमें से एक चोर निकला, जो कई बार जेल की सजा काट चुका था। वह जैक से बोला, "तुम मेरे साथ काम करोगे ? यदि करो तो मैं तुम्हें बढ़िया जूते खरीद दूँ। तुम्हें अपने भोजन और कपड़ों की भी चिंता नहीं करनी पड़ेगी।" 7an Education International यह सुनकर उस छोटे से लड़के जैक ने तपाक से जवाब दिया, "मुझे नंगे पाँव रहना मंजूर है, पर धोखाधड़ी और चालाकी से कमाए पैसों का सुख मुझे नहीं चाहिए। For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003221
Book TitleStory Story
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanbodhisuri
PublisherK P Sanghvi Group
Publication Year2011
Total Pages132
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy